मन में हो रहे 'उठापटक'
शांत से शांत वातावरण में भी
'तूफान' ला सकता है।
मन कि 'स्थिरता'
बुरे से बुरा वातावरण में भी
'शांति' बहाल कर सकता है।
- मुछाळ (३१.०१.२०२२)🍁— % &-
मैं प्रेम में होता तो क्या लिखता..!
लिखता नहीं मैं, सिर्फ ... read more
मन में हो रहे 'उठापटक'
शांत से शांत वातावरण में भी
'तूफान' ला सकता है।
मन कि 'स्थिरता'
बुरे से बुरा वातावरण में भी
'शांति' बहाल कर सकता है।
- मुछाळ (३१.०१.२०२२)— % &-
दुनिया में सबसे सरल है
नकारात्मक हो जाना।
सकारात्मकता का भार
वहन ना कर पाना।-
🌸आभार 🍀
घटती जिन्दगी और बढ़ती उम्र के इस जीवनचक्र के
एक और चरण में प्रवेश लेने पर
आप सभी मित्रों और संबंधियों का प्रेम, और आशीर्वाद जो मिला।
मैं खुद को धन्य और सौभाग्यशाली महसूस कर रहा हूं।
आगामी दुःखों और सुखों के उन लम्हों में भी आप सभी का साथ और स्नेह यूं ही बनी रहे ऐसी मेरी कामना है।
आप सभी को मेरे पूर्ण हृदय से अनंत शुभकामनाएं और धन्यवाद!!
🌻🙏🙏🌻
- रामराज मुछाळ-
आस के अंतिम श्वास तक,
हमें हिम्मत नहीं हारनी चाहिए,
चाहे वो जंग हो या मोहब्बत।
-मुछाळ (०७-०१-२०२२)-
जे एक वोंणा हिवडो बस गो
वू हमेशा बसो रेवा छे,
सोरता रो धूऴ बण थाणी।
-मुछाळ (०३-०१-२०२२)-
ये जो प्यार-प्यार का रट लगाए बैठे हो ना,
कल अगर मुझे किसी और के साथ देख लिए,
तो नफरतों से भर जाओगे।
- मुछाळ (०१-०१-२०२२)-
🍀नव वर्ष मंगलमय हो☘️
नवल, नवल सब नवल नव्य हो
भोर नवल, नव किरण पुंज
जीवन के हर क्षण नवल हो..
नव वर्ष, नव स्फूर्त काया
मन नवल, नव वचन बद्धता
मित्र वही सब, विचार नवल हो
राह नवल, नव चुनौतियां
अविष्कार नवल, नव समाधानियां
जड़ जमीं पर, ऊंचाई नवल हो..
जोश नवल, नव खून गर्म हो
-मुछाळ (०१-०१-२०२२)-
पड़ोसी से बोलचाल नहीं
और लाखों मित्र डिजिटल बनाए जा रहे..
सच्चाई रति भर नही
और झूठ का ढोल बजाए जा रहे..
मां-बाप के फटे हैं कपड़े
और गर्लफ्रेंड माॅल, रेस्तरां घुमाए जा रहे
कमाया अठ्ठन्नी भी नहीं
और मां बाप के लाखों उड़ाए जा रहे
नया कुछ भी नहीं किया
और पुराने को नया बताए जा रहे..
जनता को अन्न-जल नहीं
और जनता जनार्दन कहलवाए जा रहे
- मुछाळ (०१-०१-२०२२)-
पुराने जैसा
कुछ भी नहीं होता
हर पल,
एक नया पल होता है।
-मुछाळ (३१.१२.२०२१)-