"Swapna"e sabda ta ra paribhasa ba kan hei pare?
swapna kan ama nikata bhabisyata ra gote jhapsa jhalak? na ama bigata dina ra Kichi antaranga muhurta ra pratichabi? swapna b hei pare budhi asuruni ra bikruta attahasya ra chitra...
au kebe ,ei swapna saje prema re ranjita purnima ratira asaja khata ra mukha sakhi !!-
आज फ़िर कब्र से फ़रियाद उठी है!
फतवा बेवफाई का जारी होने को है।
चंद सवालों का जवाब ढूँढने निकल पडी है रूह !
सायद किसीके गुनाहों का इन्साफ़ होने को है।
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उन्हें यह समझ नहीं- कि हम सब समझते हैं ।
आखिर हम ही बनाए हैं उन्हें, वक्त आने पर बिगाड़ना भी जानते हैं !!-
बीते उम्र के साथ घुटनों में दर्द लिए जो आज भी धूप में खड़ा है -वह बाप है!
बालों में सफेदी पर, हाथों में परिवार का भार लिए जो आज भी आगे खड़ा है- वह बाप है!
हाथों की नसें खींची हुई, हथेली की चमड़ी घिसी हुई, पर लड़की की विदाई में भी, चेहरे पर मुस्कान लिए जो खड़ा है वह -बाप है!
आंखें नम है उसकी, पर आंसुओं को बहने की इज़ाजत नहीं, भला लोग क्या कहेंगे, खुल कर रोने को भी जिसे आज़ादी नहीं- वह बाप है!
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कत्ल तो तुमने भी किया है, फर्क़ बस इतना है के हाथों में तुम्हारे खून नहीं।
मासूम सी उस जान को दफनाते हुए चेहरे पर अफसोस कि छाया नहीं।
अच्छा किया जो सांसे घोट दी उसकी, बोझ ही तो बनती तुम पर, अब जिंदा ही नहीं तो कोई मसला भी नहीं।
लड़का होता तो जिंदा होता, अब लड़की है तो उसकी किस्मत ही सही।
अब तक तो उसने कुछ मांगा भी नहीं था, चंद सासों के सिवा।
पर अच्छा किया कि उस संभावनाओं का भी गला घोट दिया तुमने। अब तो किसी बात की गुंजाइश ही नहीं।
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गटर के किनारे पैदाइश उसकी, सड़क पर पूरा भविष्य,
मौत भी यहीं कहीं सड़क के किनारे, किसि फुटपाथ पर ।
चीख ता, पुकार ता, यूँ ही बिलबिला ता, ट्रैफिक के हॉर्न में गाड़ियों के बीच ,दिनभर वो भटकता!
कभी सुखी रोटी, तो कभी कुड़ा कचरा, पेट भरने को संघर्ष निरंतर वो करता।
माना के नादान था, या यूं कहूँ के लाचार था, पर कसूर तो उस गाडी वाले का भी था - जो बेरहमी से कुचला ,और फिर वहीँ छोड गया।
पर इससे हमें क्या? कौनसा हमारा अपना था!
अब इतना भी क्या सोचना यारों कुत्ते का बच्चा हितो था।
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Najane esa kyun hota he.
Harbar mere hi sath ye bar bar hota he.
Jab v agle class me jata hun..kabhi kitab badal gaye, to kabhi teacher,
Kabhi syllabus badal gaye, to kabhi lecture.
Mere hi time exam postpone, to mere hi time strike,
Kabhi exam paper leak, to kabhi ban kar dete hen Bike.
Mere hi time badlega exam ka pattern .
Mere hi time kar na hota he salon ko sabkuch implementation.
Akhir kyun ye mere sath hi hona hota he.
Duniya ka sara experience mujhe hi lena hota he 😡
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Pehle tha (BPL)👉 Bellow Poverty Line .
Ab CORONA ke bad se ...
Naya ayega (BDL)👉 Bellow Daridra Line.
😥😥😥-
लाकडाउन में अपने इन्द्रियों पर ऐसा नियंत्रण पाया है।
के बिना थके हारे,बिना कोई काम किए दिन में 20 घण्टे निद्रावस्था में रह सकता हूं।-