अगर नाथ देखोगे अवगुण हमारे,
तो हम कैसे भव से लगेंगे किनारे।
ये माना अधम है अपावन कुटिल है,
सब कुछ है लेकिन है भगवन तुम्हारे।।
मन हो निर्मल तुम्हारी ही कृपा से,
इसे शुद्ध करने में हम भक्त हारे।।— % &-
वो जान चुका सारा मसला,
सौगात उसी बे-दिल की है..
तुझसे मैंने तुझको मांगा,
ये गलती मुझ ज़ाहिल की है।।
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जानता हूँ इतना कि कुछ जानता नहीं हूँ,
आप कैसे कह रहे हो कि मै मानता नहीं हूं।।— % &-
मेरी फितरत में नहीं अपना ग़म बयां करना,
अगर तेरे वज़ूद का हिस्सा हूं तो
महसूस कर तकलीफ़ मेरी..✍️— % &-
मेरे पांव मुझे महशूस ही नही होते,
जब मैं तेरे बताये राह पर चलता हूँ।
जितनी जेबें मिली मेरे घर मे,
सबके अंदर तेरा ही पता लिखा था।।-
तलाश न कर मुझे जमीं और आसमां की गर्दिशों में,
गर तेरे दिल मे नहीं हूँ मै तो कहीं भी नही हूँ मै।।-
दिमाग हमेशा दलीलें मांगता ही रहेगा यारो,
पर दिल उस रब को बेदलील मानता है।।
फरारी की राह बहुत आसां है मगर,
गलतियों पर शर्मिंदा होना और बात है।।-
मै मजे में हूँ यह जिसका एलान है,
या तो वह फकीर है या फिर नशे में है।।
ना तो मैं नशे में हूँ ना फकीर हूँ,
वह मेरे साथ है इसलिए मजे में हूँ।।-