Adjustment is Always Better Than Argument.
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IIT BHU
इश्क की पतंगे उड़ाना छोड़ दी हमने वरना !
हर हसीना की छत पर हमारे ही धागे हुआ करते थे!!
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बहुत आसान नहीं था, नजदीकियों का फासला।
मीलों तय किया है अपनों को अपना समझते समझते।।-
गिला नहीं है ज़िंदगी से अब कोई,
हमनें सब जतन किए तुझे पाने के लिए।
बात सिर्फ इतनी है अब कि,
हम नफरत करते हैं खुद से तुझे इतना चाहने के लिए।।-
बीच भंवर से कश्ती कैसे बच निकलीं,
बहुत दिनों तक दरिया भी हैरान रहा।।-
मौत से बात आगे बढ़ी ही नहीं,
जिंदगी को कोई और जची ही नहीं ।
उसके जाने से पहले देखते मुझे,
ये घड़ी देखने की घड़ी ही नहीं।।-
उसकी कमी उसी की यादों से भर गई है,
मैं जिसकी मांग था ना उसकी मांग भर गई है।
वो ना जाने क्या क्या चाहती है जिंदगी से अब,
मेरी तो ख्वाहिश अब मरने की भी मर गई है।।
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मुझे मुझसे बेहतर जानने वालों सुनो !
मैं खुद भी खुद से अंजान हुं अब तक.....-
It's Good to Have Hunger!
But if you don't know your limit,
Then you have to pay for it!!-