This unseasonal rain doesn't make me happy, I get very restless, panic starts. My heart aches for all those farmers who have sown hope in the fields and cannot do anything except tremble at the sight of this winter rain. How much would this helplessness break? What will be the point of helplessness that you have to see the destruction and just keep watching. Rabi crops will be getting ruined.
This unseasonal rain makes me cry. I could not sleep in a closed room, despite being comfortable. Don't know who will be awake where, will be helpless, waiting that if the rain stops, they will save those who can survive. I can't sleep seeing everything getting ruined. I can't be so strong and carefree...-
“ज़िंदगी किसी के लिए आसान नहीं ह... read more
ये बेमौसम की बरसात मुझे ख़ुश नहीं करती, मैं बेहद बेचैन हो जाता हूँ, घबराहट होने लगती है। मन तड़प उठता है उन सभी किसानों के लिये जिन्होंने खेतों में उम्मीदें बोयी हैं और यह सर्दी कि बारिस देखकर तिलमिलाने के अलावा कुछ नहीं कर सकते। कितना तोड़ देती होगी ये लाचारी। बेबसी का क्या आलम होगा कि तबाह होते देखना है और सिर्फ़ देखते जाना है। रबी की फ़सल बर्बाद हो रही होगी।
मुझे ये बेमौसम बरसात रुला देती है। मैं बन्द कमरे में, सुविधा-सम्पन्न होने के बावजूद सो नहीं पाता। पता नहीं कौन कहाँ कैसे जाग रहा होगा, बेबस होगा, प्रतीक्षा में होगा कि रुक जाती बारिश तो जो बच सकता है उसे बचा लेते। मैं नहीं सो पाता सब यूं उजड़ता देखकर। में इतना मज़बूत और बेफिक्र नहीं हो सकता...-
Delhi
मैंने JNU की किसी दीवार पर पढ़ा था:- "जब आप किसी गरीब को भोजन देते हैं , उसकी मदद करते हैं तो समाज के लोग आपको संत कहेंगे लेकिन जब आप यह सवाल पूछते हो कि गरीब के पास भोजन क्यों नहीं है तो यही समाज के लोग आपको गद्दार और देशद्रोही कहेंगे "..
#JNU.Delhi_Visit-
सबसे बेहतरीन होती है, Blue जींस, Blue पेन, Blue आसमान, और Blue समुंदर..
सबसे ज़्यादा अजीब होती है,लाल टॉप, लाल आँखे, लाल पेन, और लाल ज़मीन...
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"I Love You " की जगह जब तक तुम,
" हे प्रिए मै तुम्हारे साथ सात जन्मों के बंधन मे बंधना चाहता हूँ " कह के प्रपोज नही करोगे तब तक तुम्हारा " हिन्दी " के प्रति प्रेम दिखावा ही है!.. #HindiDay
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नयी तारीख़ आयेंगी जायेंगी भी, समय ऐसे ही बीतेगा और बीतता चला जायेगा, एक समय ऐसा आयेगा जब सब होंगे, आप नहीं होंगे, हम भी नहीं होंगे, हम सब भी नहीं होंगे, उससे पहले, और बहुत पहले जीवन में और जीवन के लिये कुछ सोच रखा है तो कर लीजिये।
सही समय का इंतज़ार कभी कभी बहुत लम्बा हो जाता है और आज की इस मेटावर्स (metaverse) वाली दुनिया में भाग्य के भरोसे बैठना तर्कसंगत भी तो नहीं।
तो हे पार्थ, हैप्पी न्यू वर्ष तो रहेगा ही, त्वरित इस ज्ञान का संज्ञान लो नहीं तो ज़िंदगी भर रोते रह जाओगे कि सही समय पर बैंक पीओ क्यूँ नहीं बन पाये।-
मैं मरना चाहता हूँ, लेकिन एकदम सहल मौत . बिना किसी दुःख-दर्द-तड़प के . जैसे रात को सोने जाओ और फिर सुबह उठो ही ना . कितने तरीके हैं मरने के पर सब वाहियात . फाँसी लगाना तो जैसे क्रिकेट मैच में रन आउट होने जैसा लगता है . ज़हर खा लिया और डॉक्टर वग़ैरह ने बचा लिया तो और फ़ज़ीहत . छत से कूद-काद गया, पता चला दस हड्डी ही टूटी मरा नहीं इसका अलग झेलना . ट्रेन-व्रेन से कट-कूटा गया और रेलवे ने बाप पर उल्टा जुर्माना ठोंक दिया, इसकी अलग बकचोदी . कई-कई उपाय सोचता हूँ तब-तक याद आता है, कई लोगों को उधारी दे रखी है पहले वसूल लूँ . फिर किसी का कहा याद आता है कि जोधपुर में गंटा वाला अब अच्छी कचौरी-समोसा बनाने लगा है,और माम्मीसा की हाथ की खीर, बेसन गटां तो आजतक खाई ही नहीं, सोचता हूँ किसी दिन हो लिया जाए उधर पहले . फिर सौरभ द्विवेदी की एक अत्यन्त महत्वपूर्ण बात भन्न से याद आ जाती है की किताबवाले में Suggest की गई वो किताब पढ़ ली जाएं पहले. अन्ततः बुद्ध याद आते हैं, इच्छा ही दुःख का कारण है . थोड़ी देर सन्नाटे में रहता हूँ फिर सोचता हूँ हटाओ बीसी ये सब चल के पहिले दो कप कॉफी बनाकर घोंटी जाए -
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शादी के इस सीजन में न जाने कितने मासूम वादे टूटे होंगे. न जाने कितनी लड़कियां मां-बाप की ज़िद के सामने हारी होगी. जाने कितने सपनों पर खंजर से बार-बार वार किया गया होगा. और न जाने कितने प्रेमी और प्रेमिकाओं की धड़कने तो चल रही होगी, पर जिंदा लाश बना होगा. और मुमकिन है ये भी होना कि रस्सी भी खरीदी गई होगी. फंदा बनाया गया होगा, और थक-हारकर मां-बाप की मजबूरियों के सामने वो लड़का बैठ गया होगा.
जाने वो कैसे लोग थे जिनके, प्यार को प्यार मिला..🌸-
इन सभी शादियों के बीच कुछ ऐसे दोस्तों की शादी सगाई हो रही जो एक दूसरे के साथ कॉलेज स्कूल से थे , बहुत सुकून मिल रहा इनकी तस्वीरे देख कर ❤️
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गाँधी बनना आसान नहीं है। जब मोदी का सत्य और शाह की अहिंसा इकट्ठा होते हैं, तब जाकर कोई गाँधी बन पाता है।
(साल 2056, कक्षा 7 के पाठ-- `मोदी के मोहन' का अंश)
#Satire-