जय माता दी
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"रामो विग्रहवान् धर्म:, साधु: सत्य पराक्रम:, राजा सर्वस्य लोकस्य, देवा... read more
कहाँ तक दरकिनार करोगी मुझे ऐ जिंदगी
मैं तो पैर में पत्थर बांध कर दरिया में उतरा हूँ।।-
खुशनसीबी को बेपरवाह टाल देते हैं
दुआएं मुफ्त की कचरे में डाल देते हैं।
बदनसीबी का सबब इससे बड़ा क्या होगा
छोड़कर मां बाप को, कुत्तों को पाल लेते हैं।।-
उम्र गुजरी तो समझा
नौकरी की हताशा
प्रेम की हताशा
से कई गुना ज्यादा बड़ी होती है।-
वो तस्वीर दिखा कर मेरी समझाती है अपने बेटे को
बेरोजगार_आदमी किसी काम का नहीं होता😔-
ॐ जामदग्न्याय विद्महे महावीराय धीमहि तन्नो परशुराम: प्रचोदयात्।।
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मात्रास्पर्शास्तु कौन्तेय शीतोष्णसुखदुःखदाः । आगमापायिनोऽनित्यास्तांस्तितिक्षस्व भारत ।।
हे कुंतीपुत्र ! इंद्रिय और विषयोंका संयोग तो सर्दी-गर्मी, सुख-दुःखादि देनेवाला है, उत्पत्ति और विनाशशील (याने अनित्य) हैं; इसलिये हे भारत ! उनको तू सहन कर ।
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बिछड़ गए तो ये दिल उम्र भर लगेगा नहीं
लगेगा , लगने लगा है, मगर लगेगा नहीं ।।-