Ramesh Baba   (Ram Babu Shah)
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हर साम मौत आती है मुझको,
ये दिन गुजर जाने के बाद ।।
Joined 18 July 2019


हर साम मौत आती है मुझको,
ये दिन गुजर जाने के बाद ।।
Joined 18 July 2019
AN HOUR AGO

हमें सिर्फ शुक्रिया में उलझाकर रखा,,
वो किसी और के शुक्रगुजार हो गए ।।
हमारा गुलशन विरान ही रहा,,
वो और किसी दिल में गुलज़ार हो गए ।।

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AN HOUR AGO

उनपर,,मेहरबान है वक्त,,और हम वक्त के सनम नहीं है,,
मगर वक्त को खबर क्या,,हमारे ग़म,,किसी शोहरत से कम नहीं हैं,,

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2 HOURS AGO

वो इनायत नहीं थी खुदा की,,
खुदा ने घात किया है,,
मेरी जिंदगी छिनकर,, मुझे ज़िन्दा छोड़ दिया,,
खुदा ने बहुत बड़ा आघात किया है ।।

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2 HOURS AGO

The desire which was lost in the valleys,,
He began to feel it in his heart again,,

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4 HOURS AGO

जब मुहब्बत होती है,,
मन में उमंग भरे ख्वाब होते हैं ।।

निगाहें खिलखिलाती हैं,,
इनमें खुशी के आब होते हैं ।।

अजब सा नूर होता है चेहरे पे,,
बिन सिंगार ही सूरत शबाब होते हैं ।।

दिल हरवक्त संजोता है सपने,,
हर अरमां ग़ुलाब होते हैं ।।

ज़मीं पर पांव रहते नहीं है,,
ख्वाबों में ही डूबे हर हिजाब-जनाब होते हैं ।।

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19 HOURS AGO

आंधी आई,, तुफां को भी झेला,, ठहरा हूं जज़्बात रोक के,,
अब सब्र भी चरमरा रहा है,, फिर भी रुका हूं,, नैनो कि बरसात रोक के ।।

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YESTERDAY AT 13:52




कोई कहता नहीं है,,खुद को बदलें,,
मगर खुद के लिए,, खुद ही चलना पड़ेगा ।।

हर महफ़िल का हाल एक सा है,,
मगर,, खुद के लिए,, थोड़ा सम्हलना पड़ेगा ।।

खुशी या सुकुन कि किमत,, कौन बता सकता है,,
रौशनी के लिए,, दिये को,,जलना पड़ेगा ।।

हसरतें यों ही मुकम्मल,, नहीं,, हुआ करती हैं,,
हर चाह में शिद्दत हो,, फिर भी मचलना पड़ेगा ।।

प्यार खेल लगता हो जिसे,,लगे,,
मगर,, मुहब्बत में वफ़ा संग,,आग पर भी चलना पड़ेगा ।।
***राम बाबू शाह***
कोई उसतक पहुंचा दो मेरी आवाज़ को

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21 MAY AT 0:10

तू मेरी,,हर सुबह हो,,
तू ही,, मेरी हर साम हो जाए ।।
मैं तेरी मंजिल बन जाऊं,,
तू मेरा मुकम्मल मकांम हो जाए ।।

मैं तेरा दिलशाद बन जाऊं,,
तू मेरा एहतराम हो जाए ।।
तेरे बगैर एक सांस भी ना लूं,,
मेरे दिल कि धड़कन भी हराम हो जाए ।।

तेरी मेरी मुहब्बत,,वफ़ा कि मिशाल हो,,
चाहे जो,, अंजाम हो जाए ।।
जिस्म भी एक हो,,रुह भी एक हो,,
दुआ है खुदा से,, ऐसा इंतजाम हो जाए ।।

थक गया हूं,, भागते-भागते ज़िन्दगी से,,
सोचता हूं,, अब आराम हो जाए ।।
मुझे तेरे दिल में पनाह मिल जाए,,
तेरे दिल के आशियें में,, मेरी आखरी साम हो जाए ।‌।
***राम बाबू शाह***
कोई उसतक पहुंचा दो मेरी आवाज़ को

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20 MAY AT 22:53

प्यार,, कोई इत्तेफाक नहीं है,,
मुहब्बत को ,,आदत करो ।।

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20 MAY AT 20:19



एक चाहत थी,,
जो आहत थी ।।

एक चाहत है,,
जो आहत है ।।

सब नज़र कि बात है,,
मन में कहां,, कड़वाहट है ।।

काश समझ सकती,,ये निगाहें,,
क्या सिने में आहट है ।।

तो मुस्कुराती,,वो चाह भी,,
जो बेचारी,,आहत है ।।

काश समझ सकती,,ये निगाहें,,
क्या दिल कि चाहत है ।।
***राम बाबू शाह***

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