Ramesh Baba   (Ram Babu Shah)
662 Followers · 101 Following

हर साम मौत आती है मुझको,
ये दिन गुजर जाने के बाद ।।
Joined 18 July 2019


हर साम मौत आती है मुझको,
ये दिन गुजर जाने के बाद ।।
Joined 18 July 2019
1 SEP AT 18:59



हद है,, न्यूज चैनल वालों,, तुम लोग भी सिर्फ,,कमाई के चक्कर में कुछ भी कर सकते हो,,
इसको बार-बार डिबेट में बुलाते हो और यह हमेशा
देश के खिलाफ बोलता है,, अरे यह तो इस काबिल भी नहीं कि मुहल्ले के चौपाल-चर्चा में शामिल हो सके,, और एक विशेष बात,, अरे न्यूज चैनल वालों
सबसे पहले इसकी कोई जांच करवाएं कि यह भारतीय है भी,,,🤣😂🤣😂🤣😂🤣😂🤣😂🤣😂🤣😂🤣😂🤣😂🤣😂🤣😂🤣😂

-


1 SEP AT 12:29

हम क्या जानें,, किसने तीर चलाया,,और,,कौन,, घायल हुआ ,,
हमें तो,,बस यह है ख़बर,, ये दिल तेरा कायल हुआ,,

-


1 SEP AT 1:17

तेरे ख्यालों में,, ख्याल बनकर रहा,,,
फिर भी,, मैं क्यों,, सवाल बनकर रहा,,,

-


1 SEP AT 0:51

सिर्फ प्यार जताने के लिए,,
रिश्ते,, बनाना जरूरी है क्या ।।
सिर्फ साथ निभाने के लिए,,
करीब आना जरूरी है क्या ।।

वो इश्क़ ही क्या,,जिसका एहसास ना हो,,
जबां से बताना जरूरी है क्या ।।
कोई दूर रहकर भी साथ-साथ रहता है,,
हाथ पकड़ना ,, मजबूरी है क्या ।।

अगर,,ग़म कि ख़बर निगाहों से है तो,,
खुशी को जताना जरुरी है क्या ।।
रुह कि बात रुह तक पहुंचाने के लिए,,
क्या,,पास आना जरूरी है क्या ।।



-


31 AUG AT 16:37

INTERNATIONAL

DONKEY
🐴 🐴 🐴 🐴 🐴 🐴
INTERNATIONAL

DONKEY
🐴 🐴 🐴 🐴 🐴 🐴

-


31 AUG AT 14:47

कशिश में जिसके,,, कसूरवार बन गया,,,,,
मेरे लिए,, ज़हर ,, मेरा प्यार बन गया,,,,,,

सांसें,,, बेहयाई पर अड़ी है,,,
ये दिल,,, गमों का बाजार बन गया,,,,,

कल जो हसरतें,, सजाने में मशगूल था,,,
आज वो मन का उड़ता परिंदा,,लाचार बन गया,,,,,

कोई अरमां नहीं,, जो घायल ना हुआ,,,
दर्द का सैलाब,,हर बहार बन गया,,,,,

क्या तारीफ़ करें उसके,, तर्ज़-ए-जफ़ा ,,कि,,
मै बनकर तमाशा भी,, ज़ोर-ए-वफ़ा यार बन गया,,,,
***राम बाबू शाह***
कोई उसतक पहुंचा दो मेरी आवाज़ को

-


31 AUG AT 2:23

जो सैलाबों के,,,
कारवां संग चले,,,
वो,, ज़मीन क्या करे,,,

टूटकर,,,
बिखरा हुआ दिल,,,
किस पर मरे,,,

जब,, यकीन ही,,,
यकीन ना रहा,,,
कोई किस पर,, यकीन करे,,,

जब जान ही चली गई,,,
क्या जिंदगी सम्हालें,,,
कोई महजबीन,, क्या करें ।।

-


30 AUG AT 0:54

वाह जी वाह,, क्या खूबसूरत पैगाम दिया है,,,
बेड़ियों को भी,, रिवायतें और बंधन का नाम दिया है,,

-


30 AUG AT 0:44



इश्क़ कि दास्तान,, क्या सुनाएं,,
नहीं रहा ईमान,, क्या सुनाएं,,
वो अपनी,, बेवफाई पे ना रहा क़ायम,,
हम अपनी वफ़ा से हैं परेशान,, क्या सुनाएं,,,
***राम बाबू शाह***

-


30 AUG AT 0:29

ऐ शमां,,, मैं अश्कों को भी,, शबनम बना लेता हूं,,
मेरी दिवानगी कुछ ऐसी है,, मैं गमों से भी दिल लगा लेता हूं,,,

-


Fetching Ramesh Baba Quotes