Raman Yadav   (✍️ Raman Yadav)
8 Followers · 4 Following

Passion is my fassion
Joined 13 November 2019


Passion is my fassion
Joined 13 November 2019
25 JAN 2023 AT 1:45

ये जो बदल बदल के तस्वीर लगाते हो,
नही जानते हो मुस्कुरा के कितना रुलाते हो,

हां तुम तो बन संवर कर तारीफ लुटते हो,
मेरा चैन छीन लेते हो मेरी नींद उड़ाते हो,

हर सुबह उठकर तुम्हारी नजर उतारते हैं,
ना जाने कितने देखते है कितने को भा जाते हो,

ले लो दुवा मेरी तुम बस इतना चाहता हूं ,
क्यों बेरुखी दिखा कर दिल मेरा चुराते हो,

लिखता रहूंगा तुमको जब तक साँस है बाकी,
देखूं में भी नाराजगी कब तक यूं जताते हो।

-


24 DEC 2022 AT 10:21

तपते शरीर में ख्याल तेरा ठंडी फुहार सा है,
नब्ज देखी है किसी ने शायद हल्का बुखार सा है।।

-


14 DEC 2022 AT 0:11

बास थोड़ा सा आज और थोड़ा सा बीता कल लिख लेता हूं ,
इससे ज्यादा कुछ मुझसे लिखा नही जाता आजकल।।

-


14 DEC 2022 AT 0:05

रात को हमराज लिखा,दिन को गद्दार लिखा,
तुम याद ना आए जिस श्याम, उसको बेकरार लिखा,

जब दर्द के सेहरा से गुज़र कर ठहरे,
तब दर्द की रंगत को,हमने गुलजार लिखा,

लहू मासूमों का चौराहे पर बहता रहा,
शोर उठा इंकलाब, शहर वालो ने इंतजार लिखा,

रो पड़े सब सुनकर कहनी थी ऐसी दास्तां,
आइना देखकर जो दिल में आया बेजार लिखा,

सर बचाकर चले तो वो शहर याद आया " रमन "
जहां खबर रसांनो ने कत्लगाहों को बाजार लिखा।।

-


10 DEC 2022 AT 9:19

मंजिल की जुस्तजू ही मेरी रह गुजर में हैं,
कश्ती में हम है और दरिया सफर में है।।

-


10 DEC 2022 AT 7:26

मैं जो निकला हूं एक सफर पे तो मुझे कुछ तो मुकम्मल होगा
आज जल रही है ख्वाहिशें मेरी इनसे ही रोशन मेरा कल होगा।।

-


7 DEC 2022 AT 10:20

कभी उनकी पायल की छन छन में खो गया,
कभी उनके कंगन की खन खन में खो गया,

कभी डूबा रहा उनकी झिलमिल सी आंखों में,
कभी उनके गोरे गालों की रंगत में खो गया,

यूं तो बहुत पक्का था में अपने वसूलो का,
उनका इश्क ले बैठा मैं नादान सा परिंदा हो गया,

अब कम ही आती है नींद सर्द रातों में मुझको,
मैं गांव का लड़का पहाड़ों की वादियों में खो गया।।

-


4 DEC 2022 AT 20:36

कर ली फिर से इन बेजूबां पत्थरों से दोस्ती,
कमबख्त ये जमाना अब दिल लगाने के काबिल कहां।

-


1 DEC 2022 AT 9:23

जिद्द ना किया करो मेरी दास्तां सुनने की
मैं हँसकर के भी सुनाऊंगा तो तुम रो पढ़ोगे।।

-


24 NOV 2022 AT 8:56

दो साल पहले वो दिन आज का था,
बैठा था मैं वहां पे और तू वही खड़ा था,

तू लाल नीले जोड़े में दोस्तों संग था,
माहौल खुशनुमा था और केक बंट रहा था,

वो मुस्कुराती आंखे वो चेहरा नूर जैसा
खोया हुआ में सा था हर लम्हा थम सा गया था,

इतने दिनो के बाद तुमको देख कर खुश सा था,
मालूम नही था मुझको ये आखरी दफा था,

मैं आज भी हूं बैठा उन यादों को समेटे,
अक्सर सोचता हूं तू सच था या गुमां सा था।।

-


Fetching Raman Yadav Quotes