अपनी हार को स्वीकारना,
उन्ही से सीखना ही मेरी जीत है...-
निकल पड़े हैं मंजिल की ओर,
कुछ फर्क ना पड़े है साँझ या भोर.
मुश्किलों को करना है जो कमजोर,
तो रख लो बुलंद हौसले की डोर.
ना वक़्त के शिकवे होंगे ना तूफान घनघोर.
ना भटकना राह में चलना होगा मंजिल की ओर.
जब मंजिल की होगी कामयाबी,
मुस्काते रहेंगे हर चेहरे,
बहार फैली होगी चारो ओर...-
रख सामने आईना एक,
पहचान पाऊं खुद को जैसे,
मुझे तस्वीर अपनी खीचनी है.
बनी अपनी पहचान एक,
जान पाऊं खुद को जैसे,
मुझे तस्वीर अपनी खीचनी है.
जो जान गया खुद को मैं,
समझ पाऊं खुद को जैसे,
मुझे तस्वीर अपनी खीचनी है...
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कभी दबे पांव पीछे पीछे,
कभी आगे इंतजार में मिलेगा,
हमारा किया,
हमेशा हमारे आस पास चलेगा...-
सोंच ऐसी रखो कि
जो मुझे आता है मैं कर लूंगा,
जो मुझे नहीं आता मैं सीख लूंगा...-
मेहनत इस कदर करो कि सपने भी पूरे होने पर मजबूर हो जाए...
Work hard in such a way that even dreams are forced to come true...-
सुनो,
वक़्त नहीं मेरे पास,
पूछ लो मेरा हाल,
ठोंकरे वक़्त की खाता,
होता हाल बेहाल,
मानो मंदिर की घंटे सी हो,
हर कोई ठोक जाता ताल,
हिम्मत नहीं मुझमें अब,
कि सम्हाल पाऊं अपना हाल...-
जब भी मैं आँखों में आया,
दिल सहमा सा था.
हुई जो विदाई मेरी आँखों से,
हल्का हुआ दिल जो ज़ख्म से भरा था.
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जिंदगी एक किताब की तरह है,
इसे आप पढ़ भी सकते हैं और
लिख भी सकते हैं...-