RAMA TIWARI   (Rama Tiwari)
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Joined 12 March 2019


Joined 12 March 2019
27 JUL 2022 AT 7:24

उसकी मार से बचने के खातिर लिपट उसी से जाते थे,
थोड़ी भोली सी बना के सूरत उसको ही सताते थे।
चेहरे पे जो गम की शिकन दिखे सहम वो अकसर जाती थी,
ख़ुद की आँखें नम कर लेती पर मुस्कान मेरी वापस ले आती थी,
हाँ, माँ रो लेती थी पर हँस दूँ मैं ऐसी बात बताती थी।

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6 AUG 2021 AT 22:05

अधिकारों पर हम बोले ,कर्तव्यों पर मौन ।
माता पिता के त्याग देखे कौन।
कितनी रोटियाँ ,कितने खिलौने ।
कितनी लोरियाँ ,कितने बिछावने।
कितने समर्पण ,कितने जतन।


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30 JUN 2021 AT 21:36

पैदा जब हुई मैं शहनाई न बजी , मेरे मां पापा को मेरे आने की बधाई ना मिली, देख मेरी मुस्कान लोगों ने कहना शुरू किया हाय बेटी हुई बेटा क्यों न हुआ ,मेरी मुस्कान भी लोगों को कांटे सी चुभा करती है ,यूं ही बोल पड़ते हैं अक्सर बेटे हंसा करते हैं बेटियां न हंसती हैं ।

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9 AUG 2020 AT 22:14

मांगी अगर एक चीज तो बाजार ही खरीद लाए ,
फर्ज तुम्हारा भी है की बुढ़ापे में पिता की जरुरते पूरी हो जाएं।

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11 JUN 2020 AT 18:52

मुझे भी अपने सपनों को पूरा करने दो ये हक है मेरा,
मुझे भी आसमां की ऊंचाईयों में उड़ने दो ये हक है मेरा।
बेटी होना मेरा गुनाह तो नही ,
फिर बेटे की तरह मेरे अधिकार क्यों नही?
बेटे को संतान मुझे बोझ क्यों समझते हो?
पैदा बेटा ही हो ऐसी तमन्ना क्यों करते हो?

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9 JUN 2020 AT 6:09

रास्ता लंबा ही सही बस मंजिल पाने की चाह होनी चाहिए।

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8 JUN 2020 AT 11:20

सच पूछो तो लोगों से रूबरू होना अच्छा नहीं लगता, क्योंकि अब इस दुनिया में मां के सिवा कोई सच्चा नहीं लगता।

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7 JUN 2020 AT 12:05

पल पल घटती हैं ये सांसे,
सुख दुःख आते जाते हैं।
जीवन एक संघर्ष धरा पर,
फिर क्यों हम इतराते हैं।

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4 JAN 2020 AT 11:30

नए सिरे से शुरू करें,
मंजिल अपनी पाने को नयी उमंग और उत्साह भरे,
नए सिरे से शुरू करें,
नई सोच हो नए तरीके और खुद पर विश्वास करें ,

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25 AUG 2019 AT 8:33

मेरे जीवन की किताब में महज एक पाठ हो तुम।
अब किसी और के लिए उसके जीवन की किताब हो तुम।

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