Ram Yadav   (Ram Yadav)
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Joined 10 September 2018


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Joined 10 September 2018
6 JUL 2023 AT 0:11

ज़िन्दगी में और भी बहुत कुछ था करने को यादव।
तुमने की भी तो सिर्फ मोहब्बत किसी से।।

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5 OCT 2021 AT 11:41

दिल में हमारे न जाने कितने आरजूओं की सभा बैंठी है।
होती कोई एक भी नहीं पूरी ऐसी जिंदगी में बद्दुआ बैठी है।।
क्या हैं सितम की इम्तहान का हद भी पार हो गया यादव।
कर रही हैं दुनिया तरक्की लेकिन हमने अपनी जिंदगी गवां बैठी है।।
Ram Bharat Yadav

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30 SEP 2021 AT 11:14

कुछ इस तरह से बसर हो रही हैं जिंदगी यादव।
न दर्द का अहसास न ख़ुशी की आरज़ू होती हैं।।
देखकर खालीपन दिल की बस्ती में जहां तहां।
सुबह ए शाम से रात तलक हमारी तलाशा होती हैं।।
Ram Bharat Yadav

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29 SEP 2021 AT 9:45

यूं तो बेहिसाब हुए है सितम इस ज़िन्दगी पर ए सनम।
लेकिन देखकर चेहरा तेरा हर ग़म निहाल हों जाता है।।
मैंने देखा है अक्सर छुपते हुए मोहब्बत को मेरी दिल के कोने में ।
मगर आप की आवाज सुनते ही प्यार मेरा विशाल हों जाता है।।
Ram Yadav

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14 JUL 2021 AT 23:28

ये ज़िन्दगी से भला और क्या उम्मीद रखीं जाएं।
चन्द रोज़ की दुनिया में क्या ज़मीन रखीं जाएं।।
यूं तो डूबेगा तेरा भी सूरज किसी न किसी दिन।
फिर जमाने के लिए भला क्या छवीं रखीं जाएं।
Ram Bharat Yadav

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25 AUG 2020 AT 12:54

दिल ए जस्बात भी अब लबों तक नहीं आंतें।
आंखों में सुनहरे अब ख्वाब भी नहीं आंतें।।
कुछ इस कदर हुए हैं मायूस इस ज़हान से हम।
औरों का क्या हम खुदा के घर भी नहीं जातें।।
Ram Yadav

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17 AUG 2020 AT 8:10

था तुम्हें भी यकीन खुद से जुदा हो जाएंगे।
ज़ख़्म हीं मेरे दिल ए दर्द के दवा हों जाएंगे।।
चन्द रोज़ ही मेहमान ए जिन्दगी पर इतरा मत।
सुना है सभी एक न एक रोज़ फ़ना हों जाएंगे।।
Ram Yadav

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17 AUG 2020 AT 7:39

इतनी बारीकी से जांच कहां होती है।
अंधेरा होने से हमारी रात कहां होती हैं।।
यूं तो कुछ न कुछ दबा ही रह जाता हैं।
हर मुलाकात में बात पूरी कहां होती हैं।।
भला कितनी मर्तबा दें दोष खुद को।
तुम्हारी तरफ़ से कभी खता कहां होती है।।
Ram Yadav

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15 JUN 2020 AT 7:32

दिल की मंजूरी नहीं फ़िर भी हम वो काम कर रहे हैं।
वक़्त की नजाकत के आगे खुद को बदनाम कर रहे हैं।।
हुआ भी कुछ ऐसा नहीं जिस लम्हे को रखा जाएं याद मगर।
चलते चलते आखिरी दफा इस जहान को सलाम कर रहे हैं।।
Ram Yadav

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2 APR 2020 AT 12:04

ये जवानी की हुस्न ए सादगी बरकरार रहेगी।
बुढ़ापे में भी इसी शिद्दत से हमें प्यार रहेगी।।
किसी से कम न होगी दिल ए तड़प तेरे सिवा।
यही कशिश दिल में हमारे ए सनम ताउम्र रहेगी।
ये दिखावे की चाहत हमसे कभी न होगी मगर।
दिल में जो हैं बेशक वहीं ज़ुबां पर भी रहेगी।।
Ram Yadav

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