देखे नहीं कभी नयन गिले,
आज अश्रु दरिया बहते हैं।
सौंप उसे किसी अजनबी को,
असहय पीड़ा अब सहते हैं।।
हिम्मत नहीं है सहने की,
अब दबे- दबे से रोते हैं।
वह कहती है सोने को,
सोते हैं, पर जगे ही रहते हैं।।
बस यूं ही😄
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RAM KUMAWAT
(✍ राm)
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I m Ram from Rajasthan. I m a govt. teacher in Elementary Education Department.My contact ... read more
Joined 3 November 2019
29 MAY AT 9:41
8 JUN 2023 AT 15:23
पूरा करने की ठानी है
लगे रहेंगे पूरा करने में
अब नहीं कोई आनाकानी है
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29 MAY 2021 AT 20:56
सब कहते हैं इंसान गलतियों का पुतला है,
फिर भी डर लगता है कोई गलती ना हो जाए,
क्योंकि हमारी गलतियां माफ करने की बजाय,
एक बार ही नहीं हजार बार गिनाई जाती है।-
28 MAY 2021 AT 15:59
उनसे कैसी हमदर्दी .....
जो उदय होते हैं ..
सिर्फ जलाने के लिए
उजाले के लिए नहीं-
28 MAY 2021 AT 10:06
सूरज की लाली ,ताजी हवा
मौन हो सब, सिर्फ प्रकृति गवाह
झील का किनारा, बैठे दो जवां..
ना हो कोई रोग, सिर्फ हो दवा
मिल जाए एक कप, तेरे हाथ की चाय
कसम तेरी, होगी सिर्फ वाह!वाह!वाह!
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28 MAY 2021 AT 9:56
कैसा होगा अगला पहर
मैंने देख लिया है......
क्यों छोड़ जाते हैं लोग
मैंने समझ लिया है....
बेसब्री से तेरा इंतजार
मैंने कर लिया है.....
तेरे बगैर अब जीना
मैंने सीख लिया है...-