मेरी चार दिन की ऑफिस की छुट्टी बड़ी गज़ब है
सफ़र अभी तय नही किया मैंने, फिर भी मेरे ऑफिस में
उदास होने वालों की लाइन बहुत है।।🤣🤣
लाइन में सबसे ऊपर नाम रमशा तेरा ही है,
यार रकशन्दा चलो हम चल रहे घर, ये बात मुझे छुट्टी में भी याद आनी है😂😂
तेरे बाद फिर सबीहा मैम ही आई है, देख मैंने दिला दी छुट्टी
ये कहके इनके चेहरे पर उदासी आई है।।😎😎
सब इनकी उदासी देख रहे हैं, मेको तो इनकी फरमाइश याद आई है।। 🤔🤔
और प्रियंका मैम क्या बोलूँ मैं आपके लिए,
मेरे तो ख़्वाब में भी एक महीने से आप ही आने लगी थी 😢
ऑफिस पहुँचने से पहले, रन फाइनल हो गया रकशन्दा
एंकर कर दो,, ये तो अब आप रात में ही बताने लगी थी।😴
और दीपिका मैम सबसे अगल, आपकी एक्टिंग, ये तो मैंने ही मिस कर जानी है।😁
मेरे ऑफिस की चार दिन की छुट्टी बड़ी अज़ब और गज़ब भी है।।☺️☺️
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Me- mummy suno na car drive krna sikh lun
Mother- yeh kisne tere dimaag mein daal diya, tere scooty chalane par toh mera dil preshan rahta hai car chalayegi toh pta nhi kya hoga. Bete mujhe aur tension na de ....
🤣🤣🤣-
जिसको मनाने की तलाश में वो दर-ब-दर भटक रहा है
वो शख़्स कभी उसकी चौखटों का मोहताज़ हुआ करता था।।-
लाख नजायज कोशिशें, एक सच्ची मोहब्बत के आगे टिक न सकी
मैं तो जानती थी, मेरा रब मुझे इस कैफियत में इज्ज़त नवाज़ना चाहता है
मेरे सब्र की मिसाल को क़ायम करना चाहता है।
Alhamdulillah for Everything in My Life
I'm blessed 😍🤗❣️-
खुद को सँवारने का हुनर तो हम में भी बहुत है
पर हमारे बड़ो ने, बचपन से ही हमें ये सीख दी
कि संवारा अगर चेहरे के बदले दिल जाए
तो तुम्हारी सख्शियत तुम्हें इज्जत नवाज़ती है
बदनामी नही-
बेशक़ वो रब सब जानता है
वो तो बस अपने बंदे का सब्र का इम्तिहान लेता है
حسبنا الله ونعم الوكيل
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आज मेरा बचपन फिर मुझे याद दिलाया है,
लगती है सबकी नज़र मुझे,
ये कहकर नज़रिया दाय हाथ में पहनाया है..
कहूँ कैसे इन्हें कि नज़र नही मुझे,
इन नज़रो को तो किसी क़रीबी ने ठुकराया है....-
ज़िन्दगी में थोडी सी रोशनी मांगी थी,
चाहने वालों ने तो आग ही लगा दी
मानो ऐसे, जैसे इस आग में उनके हाथ
जले ही नही
और हम बर्बाद हो गये-
हाँ क्या कहा तुमने हमारी वजह से तूम बर्बाद हुए....
हम तो आबादी की दुआ देकर गए थे....
तुमने खुद के फैसले ही गलत चुने....
कि हम फ़ासलों में बंट, तूम और मैं हुए....-