Rakhi Saiyam   (♥️_Rakhi saiyam_✍️)
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हाल ऐ दिल क्या बताये आपको,
बस इतना समझलो टुटा हुआ दिल है,
बस काँच समेटना रह गया है
Joined 1 July 2019


हाल ऐ दिल क्या बताये आपको,
बस इतना समझलो टुटा हुआ दिल है,
बस काँच समेटना रह गया है
Joined 1 July 2019
16 APR AT 17:34

तू मुस्कुरा तो जरा..
हम तुम्हारे मुस्कुराहट में..
न मर मिटे तो कहना..
तू एक बार प्यार से हमें अपने सीने से लगाकर तो देख...
सारी उम्र तुझे ही सोचकर न बीता दिए तो कहना।

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9 APR AT 14:23

समानता.... हर नागरिक को समान अधिकार देता है,
हमारे देश के संविधान में समानता शब्द का प्रयोग किया गया है,
देश के हर नागरिक को समान अधिकार प्राप्त हो,
समानता..शब्द कहने को छोटा है,
परंतु ये हर समाज धर्म के लोगो को सम्मान का भी अधिकार देता है,
समानता हर धर्म,समाज हर जाति के व्यक्ति को एक साथ बैठने का भी अधिकार देता है,
पर अफ़ोश है मुझे इस बात का,
आज इस समानता शब्द का अर्थ ही बदल गया,
आज एक साथ बैठने की छोड़ो,
एक दूसरे के दुश्मन बन गए है,
देश के संविधान को खतरे में डाल दिए है,
जो सपना हमारे देश के वरिष्ठ और सम्मानित लोगो ने देखे थे,
भारत देश के लोगो को एक साथ लाने की,
आज राजनीति के कुछ लोग,
अपने फायदे के लिए सबको नफ़रत को आग में झोंक दिए,
आज देश के हर कोने में सिर्फ़ और सिर्फ़ नफ़रत की आग जल रही है,
भारत देश महान है मेरा,
ये कहने में भी अब शर्म सी आ रही है,
ये लोग संविधान के हर शब्द के मायने ही बदल दिए,
देश को और देश के नागरिक को बर्बादी के कगार में छोड़ दिए,
अब समानता शब्द का ही अर्थ बदल दिए।

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9 APR AT 1:15

आंखों में इंतेजार तुम्हारा,
दिल के करीब तुम्हें पाने की तमन्ना,
हर रोज़ ख्यालों में तुम रहते हो,
ना जाने कब ये फासले कम होंगे,
अब और रहकर नही होता तुम्हारे बैगर,
ना जाने वो पल कब आएगा,
जब तुमसे हमारी मुलाक़ात होगी,
आंखों में बसा रखा है तस्वीर तुम्हारी,
अब छूकर तुम्हें महसूस करना चाहते है,
दिल के रखकर आंखों में बसाना चाहते है,
तुम्हारी चाहत में खुद को डुबोना चाहते है,
तुम्हारी एक झलक के लिए,
खुद को टूटकर बिखेरना चाहते है,
इश्क़ में फना होकर तुम्हारे,
चाहत-ए-इश्क़ को तुम्हारे साथ जीना चाहते है।

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28 MAR AT 14:28

अपनी मेहनत का हिसाब लेने,
विद्यार्थी धरने में बैठा है,
अपनी फसल का सही दाम लेने,
किसान सड़क पर उतरा है,
शिक्षक अपनी नौकरी का,
बियाज लेने सरकारी दफ़्तर के सामने खड़ा है,
आज हर कोई अपनी हक और अधिकार के लिए,
सड़कों पर उतरे है,
जो किया था वादा जिसने,
बस उसी वादे को निभा दे,
ये अर्जी लेकर आए है,
वक्त की चोट पूछो सभी से,
क्या होता है जब सब बर्बादी के कगार में हो,
बरसों वक्त निकल जाता है,
उसी वक्त को वापस लाए में।

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28 MAR AT 12:10

प्यार खुद से भी ज्यादा करेंगे ये वादा है...💕
जिंदगी के हर दुख और सुख में साथ रहेंगे ये वादा है...💕
चाहे हो लाख मुसीबत रहो पर...💕
हम हर वक्त तुम्हारे साथ खड़े रहेंगे...💕
ये वादा है हमारा...I Love you 💕💕😘❤️

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25 MAR AT 4:42

कैसा ये राज आ गया है,
कैसे ये दिन आ गए है,
अच्छे दिन के वादे करके,
अपनें दोस्तों को अमीर बना रहे है,
ना खाऊंगा ना खाने दूंगा कहकर,
करोड़ों के रुपए कर रहे अंदर,
सबको धर्म का चोला पहना कर,
ख़ुद दोस्तों के साथ बैठकर मलाई खा रहे,
चंदा दो धंधा लो का खेल रचाकर,
तुमने है गरीबों को लूटा,
ED CBI का डर दिखा कर उद्योगपतियों से,
खूब पैसे है आइठे,
लोकतंत्र की हत्या कर,
देश में बेरोजगारी मंहगाई की मार है लाई,
किसानों पर अंशु गैस फेंक वाते,
युवाओं पर लाठी चार्ज करवाते,
ये कैसा राज है तुम्हारा,
जिसमे हर कोई परेशान है,
देश की सेवा करने आए थे,
दोस्तों की सेवा में लग गए,
अब नही कहोगे बेटा हूं इस देश का,
इस देश का मैं भी चौकीदार हूं,
लूट कर धन देशवासियों का,
झोला लेकर चल दुंगा।

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25 MAR AT 4:24

वो रंग कुछ अलग था,
जिससे मुझे रंगोया गया,
वो महक गुलाल की,
उसने मुझे अपने हाथों से,
मेरे चेहरे पर बड़े प्यार से लगाया था,
वो रंग कुछ अलग था,
क्योंकि उसने मुझे,
होली के दिन अपने प्यार रंग में भिगोया था,
वो रंग कुछ अलग था,
पहेली होली की रंग,
सबसे पहले उसने जो हमें लगाया था।

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7 MAR AT 10:08

हम ऐसे समाज का हिस्सा बन गए है,
जहां पर काम कम और,
बातें ज्यादा हो रही,
काम के नाम पर सब,
अपनी अपनी राजनीतिक रोटी सेंक रहे,
भोले भले लोगो को अपने जाल में फंसा रहे,
ऐसे समाज की उन्नति पर सिर्फ़,
बोलबाला ही चल रहा,
लाखों संगठन बनाकर,
सबने अपना ही फायदा उठाया है,
लोगों के विश्वास और उम्मीद से सिर्फ़ खेला ही है,
अब तो बस जी रहे है लोग,
क्योंकि अब सबकी आत्मा अब मर चुकी है,
अब तो बस हर गली मोहल्ले में सिर्फ़,
समाज के ठेकेदार ही बैठे है,
जो समाज का होकर भी,
समाज को दीमक की तरह खोखला कर रहे।

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19 FEB AT 22:23

उम्र का ज्यादा हम लिहाज़ नही रखते साहब....
सामने वाला के व्ययहार पर निर्भर करता है।
🙏🙏🙏🙏

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14 FEB AT 9:47

जान लूटा दिए वो अपने देश के खातिर,
वो देश के वीर जवान थे,
छोड़ अपना परिवार वो,
देश के खातिर अपना जान निछावर कर दिए,
देश की मिट्टी को मां समझ,
कर चले थे हिफाज़त उसकी,
खून का एक एक कतरा बहा दिए,
वो भारत देश के वीर सपूत,
वो देश के वीर जवान थे।

जय जवान जय किसान

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