वो अजनबी था ,अनजान था मेरे लिएफिर भी मेहफूज मुझे होता उसके साथ।वो अजनबी , वो अनजान अपना –सा लगने लगा वक़्त और सफर के साथ।। -
वो अजनबी था ,अनजान था मेरे लिएफिर भी मेहफूज मुझे होता उसके साथ।वो अजनबी , वो अनजान अपना –सा लगने लगा वक़्त और सफर के साथ।।
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रफ़ाकत छोड दि हमनें उनसे ,वजाहत हमारी देखी न गयी जिनसे । -
रफ़ाकत छोड दि हमनें उनसे ,वजाहत हमारी देखी न गयी जिनसे ।
सवाल करने वाले हजार होते हैं इस ज़माने में,वो खुद से ज्यादा अक्सर तुम्हारे बारे में बताते है।जब बाते हो बेवजह की तो,वजह ढूंढ लाते हैं,कुछ लोग इन कामो में जी– जान लगा देते हैं, वो खुद से ज्यादा अक्सर तुम्हारे बारे में बताते है।।चाहें वक़्त की भारी कमी, वक़्त निकाल ही लाते है,वो खुद से ज्यादा अक्सर तुम्हारे बारे में बताते हैं।।। -
सवाल करने वाले हजार होते हैं इस ज़माने में,वो खुद से ज्यादा अक्सर तुम्हारे बारे में बताते है।जब बाते हो बेवजह की तो,वजह ढूंढ लाते हैं,कुछ लोग इन कामो में जी– जान लगा देते हैं, वो खुद से ज्यादा अक्सर तुम्हारे बारे में बताते है।।चाहें वक़्त की भारी कमी, वक़्त निकाल ही लाते है,वो खुद से ज्यादा अक्सर तुम्हारे बारे में बताते हैं।।।
मेरे ख्वाबों की हर कहानी सुनता।अपने ख़्वाब वो कभी बताया नही करता।। -
मेरे ख्वाबों की हर कहानी सुनता।अपने ख़्वाब वो कभी बताया नही करता।।
फैला दूं जो मैं झोलि अपनी, उसमें तेरा साथ मिल जाएमै देखूं जो नाम अपना , साथ मेे तेरा नाम जुड जाए।। -
फैला दूं जो मैं झोलि अपनी, उसमें तेरा साथ मिल जाएमै देखूं जो नाम अपना , साथ मेे तेरा नाम जुड जाए।।
छलके आपके आंखों से अश्रू।मानों की मेरे सिर से कोई हाथ ले गया।सुनके आपके कांपते हुए स्वर। मानो की मेरी कोई आवाज ले गया।।देखके आपकों यूं बिखरे हुए।मानों की कोई मेरी छिनके पूरी दुनिया ले गया।।।सुनके आपके लफ्ज़ पापा।मानों की ये मेघ भी आज बरसात ले आया।।।। -
छलके आपके आंखों से अश्रू।मानों की मेरे सिर से कोई हाथ ले गया।सुनके आपके कांपते हुए स्वर। मानो की मेरी कोई आवाज ले गया।।देखके आपकों यूं बिखरे हुए।मानों की कोई मेरी छिनके पूरी दुनिया ले गया।।।सुनके आपके लफ्ज़ पापा।मानों की ये मेघ भी आज बरसात ले आया।।।।
चलते चलते सफर में मिल जाए कोई।तुम उससे मुँह यहाँ मोडना मत ।मिलके भी जो कभी छूट जाए कोई ।तुम उसके पीछे यहाँ दौड़ना मत।। चोट गहरी लग जाए कोई तुम उससे हारकर पीछे यहाँ छूटना मत।।। गिर जाओगे तो अपनो को आवाज़ लगाना वही तुम्हारा हाथ थामेंगे अनजानो की महफ़िल में तुम यहाँ अपनो से फासले बढाना मत।।। रुठ जाना जमाने से मगर खुद से खफा होके यहाँ टूटना मत।। -
चलते चलते सफर में मिल जाए कोई।तुम उससे मुँह यहाँ मोडना मत ।मिलके भी जो कभी छूट जाए कोई ।तुम उसके पीछे यहाँ दौड़ना मत।। चोट गहरी लग जाए कोई तुम उससे हारकर पीछे यहाँ छूटना मत।।। गिर जाओगे तो अपनो को आवाज़ लगाना वही तुम्हारा हाथ थामेंगे अनजानो की महफ़िल में तुम यहाँ अपनो से फासले बढाना मत।।। रुठ जाना जमाने से मगर खुद से खफा होके यहाँ टूटना मत।।
तु महज चली तो गयी।बस ये यादे ले जाना भूल गयी।।तु कहे तो इसे अब मिटा दू।।।तुने ये पैर तो उठा लिये मेरे दिल के दहलीज़ सेबस ये पायल यही भूल गयी।तु कहे तो इसे तेरे दर पर भिजवा दू।। तु वादे करके मुखर तो गयी।बस मुझे ये सीखाना भूल गयी।।तु कहे तो मैं भी ये हुनर सीख लू।।। -
तु महज चली तो गयी।बस ये यादे ले जाना भूल गयी।।तु कहे तो इसे अब मिटा दू।।।तुने ये पैर तो उठा लिये मेरे दिल के दहलीज़ सेबस ये पायल यही भूल गयी।तु कहे तो इसे तेरे दर पर भिजवा दू।। तु वादे करके मुखर तो गयी।बस मुझे ये सीखाना भूल गयी।।तु कहे तो मैं भी ये हुनर सीख लू।।।
न कहानी तुम्हारी होती ।न कहानी मेरी होतीहोती तो कहानी हमारी होती ।।न बाते तुम्हारी होती।न बाते मेरी होतीहोती तो बाते हमारी होती।।।न सुलह तुम्हारी होती।न सुलह मेरी होती होती तो सुलह हमारी होती।।।। न जिंदगी तुम्हारी होतीन जिंदगी मेरी होतीहोती तो जिंदगी हमारी होती।।।। -
न कहानी तुम्हारी होती ।न कहानी मेरी होतीहोती तो कहानी हमारी होती ।।न बाते तुम्हारी होती।न बाते मेरी होतीहोती तो बाते हमारी होती।।।न सुलह तुम्हारी होती।न सुलह मेरी होती होती तो सुलह हमारी होती।।।। न जिंदगी तुम्हारी होतीन जिंदगी मेरी होतीहोती तो जिंदगी हमारी होती।।।।
गौर करके देखना किसी का रंग चढेगा प्यार का।किसी का रंग उतरेगा यार का।। -
गौर करके देखना किसी का रंग चढेगा प्यार का।किसी का रंग उतरेगा यार का।।