डूब गया वो सितारा जिससे ये देश जगमगाया था
क्या अमीर गरीब, क्या भूखे प्यासे, क्या बीमार लाचार उन्होंने सबको अपना बनाया था ।
जिंदगी जीना हो तो सीखो उनसे, जिन्होंने जिंदगी को जीना सिखाया था
सबको कैसे अपना बनाना है वो सिखाया था ।
एक युग का अंत हो गया युगपुरुष के जाने से
आंशुओ में डूब गया देश तुम्हारे जाने से
भावपूर्ण श्रद्धांजलि भारत के रत्न श्री रतन टाटा जी को-
कैसे कर लूं आंखे नम मेरी जब तुम जाते ही आने का अहसास दे जाते हो !
कैसे भूल जाए आपको जब हर गुजरता पल आपकी याद लिए आता है !
यूं तो अंधेरी कई रातें गुजर जाती है लेकिन हर नई सुबह आपके फिर आपके आने की आस दे जाता है !
हमें पता है आप है हम सबके दलों में पर हम ढूंढते है तुम्हे हर बार नए स्वरूप में !
हमें पता है तुम आओगे हर साल पर जब तक आओगे नही तब तक याद सताएगी !
ना दिन गिनू ना रातें क्योंकि मिलना फिर एक बार आपसे हर बार की तरह वही जोश वही जूनून !
मन में भक्ति होगी चहरे पे चमक होगी दिमाग चिंतामुक्त होगा
दिल भयमुक्त होगा फिर जब तू एक बार फिर होगा
खूबसूरती तो बहुत देखी हमने पर ये दिल अब आप के अलावा किसी को नही देखना चाहता है !-
है स्त्री अब मत आना बचे नहीं इंसान यहां l
आना तो देवी बना आना या तो तुम चंडी बन आना
या बनना मां काली तुम या लेना दुर्गा रूप यहां ll
बस तुम बेटी बन मत आना क्योंकि ना बचे इंसान यहां
शक्लों में बसते शैतान यहां क्या मां क्या बहन क्या बेटियां नहीं सुरक्षित है कोई यहां ll
पता नहीं क्यों बुजदिल हो गए पता नहीं क्यों कमज़ोर यहां
भूल गए सब द्वापर त्रेता जब हुई दहन लंका धू धू कर घनघोर मचा था युद्ध यहां ll
नारी की रक्षा हेतु भाई ने भाई का दिया बलिदान यहां भूल गए ये लोग यहां हाथों में लेकर मोमबत्तियां
ना बचे कृष्ण ना राम यहां ना बजरंगी सा बलवान यहां अपनी नहीं है कह कर सबने किया है बस अपमान यहां ll
उठो जागो तुम वीर बनो नाकी हमेशा तुम धीर बनो वरना वो दिन भी आएगा नहीं कोई बच पाएगा...-
किसी का दुख किसी की हसी बन जाता है
किसी की आंसुओ पे कोई मुस्कुराता है
किसी का गम कोई किसी और को सुनाता है
किसी का कहानी किसी और की हसी का पात्र बन जाता है
गम किसी और का हो या अपना उसे कोई कभी नही अपनाता है
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हम तुम और मैं
कैसे कर लूं आंखे नम मेरी जब तू जाते ही आने का अहसास दे जाता है.
कैसे भुल जाऊ तुझे जब हर गुजरता हुआ पल तेरी आस लिए आता है.
यूं तो कई अंधेरी राते गुजर जाती है, लेकिन हर नई सुबह मुझे तेरे और करीब ले आती है.
मुझे पता है तू है सिर्फ मेरे खयालों में, मैं ढूंढता रहता हु तुझे अपने जिंदगी के हर सवालों में.
मुझे पता है कि तू ना कभी मेरे रूबरू आयेगी, ना तेरे खयालों का सवाल ना तेरी याद अब मुझे सताएगी.
ये जोश है मेरी उम्र का जो तेरा दीवाना है, बीत जायेगी उम्र ये मेरी तू ये ना समझ के तू ही मेरा ठिकाना है.
यूं तो खुबसूरती कई देखी है, मैने लेकिन अब ये दिल मेरा ना होता कभी दीवाना है.
क्योंकि अब मेरा दिल ही मेरा ठिकाना है.-
नजर साफ हो, तो दुनिया अच्छी दिखती है
वरना धुंधली तो तस्वीर भी होती है-
बस एक कदम और चल दिए हम,
उसके लिए अपने ख्वाबों को मोड़ चले हम
कुछ बचा था उसकी यादों का हमारे पास,
ना चाहते हुए भी उसे अपना सब कुछ दे गए हम
शायद वो फिर से लौट आए और मिला दे कदम से कदम,
जिससे हट जाए चहरे से ये छुपा हुआ सारा गम
हो पास वो मेरे उसे जी भर सराह लूं मैं,
हो पास वो मेरे बेजीझक उसे अपना बना लुं
हाथों में उसका हाथ हो, हा दो पल को वो मेरे साथ हो
उन पलों में खुश हो हा उसके साथ दो पल मुस्कुरा लूं मैं
उन पलों में जी लूं सदियां मेरी फिर जिंदगी बर्बाद हों,
या आबाद हो बस उन पलों में हो वो मेरे साथ
जिंदगी भर नही कुछ पल तो चले साथ हम
फिर उन्हीं पलों को याद कर पूरी जिंदगी जी लेंगे हम
फिर किसी मोड़ पर ना मिल जाए हम,
संभलते संभलते खुद को फिर से उन पलों में गिर ना जाए हम
बस यही सोच कर एक और कदम चल दिए हम-
अरे मन तू क्यों तड़पता है
किस बात की है परेशानी,
दो दिन की है ये जिंदगानी
दो दिन की तेरी कहनी...
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एक तू ही तो है साथ मेरे
बाकी तो सब जरुरते पूरी करने आए है-
ऐ मन तू क्यों परेशान है, यहां हर समस्या का समाधान है
कही कुदरत का कहर, कहीं कुदरत ही मेहरबान है
कहीं सूखी रोटी, कहीं स्वादिष्ट पकवान है
कहीं खूबसूरत शहर, कहीं सुना पड़ा मकान है
कहीं बच्चों का बचपन, कही जवान कंधो पे थकान है
कहीं गोलियों की बौछार, कही हर तरफ त्योहार है
कहीं घने काले बादल, कहीं खुला नीला आसमान है
कही आंखों में सपने हैं, कही उन सपनों को सच करता इंसान है
ऐ मन तू क्यों परेशान है, यहां हर समस्या का समाधान है
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