Rakesh singh Remo   (मस्ताना चांद💕)
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Professor by Profession✨⚡
Joined 25 July 2018


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23 SEP 2021 AT 12:50

मेरी ज़रूरत को तुम्हारी ज़रूरत की बहुत ज़रूरत है

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14 SEP 2021 AT 15:45

हिंदी दिवस

ये जो तुम बोलते हो न
Bro I am Thinking..

तो भाई
सोचते तो हिंदी में ही होंगे..?

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2 JUN 2021 AT 20:52

वक़्त अगर उस वक़्त थोड़ा वक्त देता
तो कसम से
आज कुछ अलग ही वक़्त होता

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28 MAY 2021 AT 23:19

तिनका तिनका जोड़कर आशियाँ बनाती है
एक चिड़िया मेरा हर दिन खुशनुमा बना जाती है

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23 MAY 2021 AT 23:00

ईमान ज़िंदा है, तो इंसान ज़िंदा है
सांसें तो शैतान भी लेता है

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22 MAY 2021 AT 23:55

आज बैठकर
करके देखे सारे गुणा भाग
आखिरी में बस अकेला मैं बचता हूँ।

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22 MAY 2021 AT 23:32

रोज़ अगर दर्द लिखूँ
तो कौनसा कम हो जाना है

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22 MAY 2021 AT 9:08

पहले तो सुबह उखड़ी उखड़ी न थी
रात से मुहब्बत कर बैठे हम शायद

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22 MAY 2021 AT 0:11

होती होगी सुबह तुम्हारी मेहबूब से
मैं हर शाम शख्स ढूंढता हूँ बात करने

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18 MAY 2021 AT 23:45

सुनो अब रात हो गयी न
यही वक़्त तो था
हमारा बात करने का

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