मैं ,पटाखा हूँ
खुशी खुशी फूटता ,धूम मचाता हूँ
शादी-ब्याह ,तीज-त्यौहार ,तन मन खुशी
आत्म उत्साह ,उत्सव उल्लास ,बढ़ाता हूँ मैं ,पटाखा हूँ
पटाखे 'दर्शन' प्रकाश ,ध्वनि ,धुंआ
प्रकाश परमात्म ,दर्शन ,दिव्य कराता हूँ
ध्वनि भगवद् 'ऊँ' धुंआ संसार ,क्षणिक नश्वर
जीवन 'सेंवा' जलकर भी ,ध्यान सत् कराता हूँ मैं ,पटाखा हूँ
जमाने को ,जाने क्या हुआं ,दुनियां ,धुंआ हीं धुंआ
चारों ओर ,पैट्रोल डीजल कोयला ,क्या मैं जलाता हूँ
बम गोली गोले ,युद्ध ,दुश्मनी ,दुनियां करें ,आरोप रोक
केवल मुझ पर ,जैसे अकेला मैं ,धुंआ ,प्रदुषण फैलाता हूँ
मैं पटाखा हूँ 'हिंदुस्तानी' संस्कार सनातन ,जन सेवा समर्पित ,
इसीलिए भारत में मुझ पर ,दीवाली मनाने रोक लगाई जाती हैं
उनका क्या ,फुटबाल क्रिकेट से क्रिसमस न्यू ईयर तक ,आधी से
अधिक दुनियां में ,पटाखे जलाकर धूमधाम ,जहाँ दीवाली मनाई जाती हैं-
राज सत्ता को सरल "सदा संतो के" श्री चरणो में रहना चाहिए !
संत त्याग तपस्या शिक्षा "शीश श्री राम खड़ाऊ"
रहना चाहिए !!
संत धीरता वीरता संस्कार "अजय निर्भय विनम्र"
रहना चाहिए !
संत सत्ज्ञान "प्यास बुझें जन जन की" जल सा
बहना चाहिए !!-
मूलाधार काम "सहस्रार" मेरे राम
काम भी राम का "रोम रोम" मेरे राम !
काम सुख कामना "आनंद मोक्ष" परम धाम
सुख से आनंद ,यात्रा "कर्म करें निष्काम" !!
मूलाधार प्रथम चक्र ,सप्तम चक्र "सहस्रार"
काम नश्वर ,यें संसार "राम" आत्मा भव पार !
सुख इंद्रिय क्षणिक "आनंद-सुख सदा" आत्म मोक्ष
"मोक्ष" आवागमन मुक्ति "निष्काम" कर्म आधार !!
🙏हरि ऊँ तत्सत🌷जय सच्चिदानंद🙏-
पंच दिवसीय
महापर्व
"दीपावली की"
बहुत बहुत ,बधाई
हार्दिक ,शुभकामनाएं !
"शुभ लाभ" तभी
जब "मनुष्य मर्यादा"
देश धर्म "समाज सेंवा"
शिक्षा "प्रकृति प्रेम" संस्कार
"राष्ट्रीय" अनुशासन निभाएं !!-
"पूजित अक्षत कलश"
कण-कण के प्राण 'रोम रोम में रमे' हमारे राम
श्री राम जन्म भूमि मंदिर 'दर्शन अयोध्या धाम'
गर्भ गृह होगी 'श्री राम विग्रह की' प्राण प्रतिष्ठा
देश दुनियां 'दीपावली' उत्सव उल्लास धूमधाम-
जाने अनजाने ,हर जीवन साधना पथ
सफलता ,हंसते हंसते ,सब सह जाना हैं
पत्थर दिल नहीं ,पिघलकर ,प्रेम मित्रवत
सौन्दर्य ,पावनता ,पानी सा ,बह जाना हैं
तू तू ,मैं मैं ,मति भ्रम ,अज्ञान अंधकार
अहम वहम ,महल रेत का ,ढह जाना है
यहाँ ,तेरा मेरा कुछ नहीं ,सब परमात्मा
जगत ,ढेर मिट्टी ,मिट्टी का ,रह जाना हैं
जाने अनजाने ,हम सभी साधना पथ
सफलता ,हंसते हंसते ,सब सह जाना है-
कोई कह सके तो कहें कि इश्क क्या
अश्क समझे अश्क ही कर सकें बयां-
अयोध्या रेलवे-स्टेशन का उद्घाटन 'श्री गणेश हुआ'
कण-कण गौरव गरिमा 'श्री राम चरित्' प्रवेश हुआ !
अयोध्या धाम 'युद्ध से नहीं धर्म से विजय' सद्ज्ञान
मर्यादा-अनुशासन 'श्री राम-संस्कार' समावेश हुआ !!
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'सत्गुरू' पवन पुत्र हनुमान सिखलाये
'राम का नाम नौका' लिखकर पत्थर
भी ,तराएं जा सकते
लोग सदा पत्थर दिल ही होते 'राम का
नाम सत्यता' मित्रता प्रेम से ,पत्थर भी
पिघलाएं 'पथ बंधु' बनाएं जा सकते
पत्थर राह का रोड़ा हीं नहीं ,राम सेतु
भी 'राम का नाम सम्मान' से सागर
बांधें लांघे ,हराएं भी जा सकते
पत्थर जड़ ही नहीं 'चेतना औषधि भी'
'राम का काज सर्वोपरि' पहाड़ हिलाएं
उखाड़े ,उड़ाएं भी जा सकते
'राम का नाम पारस' लोहा बन सोना ,
पत्थर दिल पिघल ,तराएं भी जा सकते-
अहोई अष्टमी माता व्रत कथा परिवार
जनो की खुशी के लिये निज हित त्याग
बलिदान का महत्व दर्शाता हैं !
सुरही गाय की सेवा गौ पालन पोषण
मनुष्य दूध पूत धन धान्य वरदान पाता हैं !
पशु पक्षियों की प्राण रक्षा दाना पानी दया
करना मनुष्य प्रकृति सेवा सहयोग पाता हैं !
स्याहू माता की कंघी करना जुएं निकालना
बढ़ें बुज़ुर्गो का सेवा सम्मान आशीर्वाद भरा
पूरा घर परिवार मनुष्य बाधा श्राप से मुक्ति
पाता हर प्रकार के बंधनों से छूट जाता हैं !
अहोई माता कथा त्याग बलिदान गौ पालन
पशु पक्षी प्रेम बढ़ें बुज़ुर्गो की सेवा सम्मान
आशीर्वाद का महत्व व्रत संकल्प दर्शाता हैं !!-