Ho sake toh sawalon ka qaid lauta do
Jawabon ki rihaai bahut satati hai-
कितना आसान सफ़र होगा
अगर मंज़िल की न फिक्र होगा
न कर तमन्ना घर की
घर न मिला तो दर-ब-दर होगा।
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भुल गए वो मुझे सब याद करने वाले
मैंने कहा भी था ये जुनून चार दिनों का है।-
माज़ी मेरा है कुछ इस कदर मेहरबां
शाम होते ही निकल पड़ती है यादों की कारवाँ।-
दिल में अजीब सी बेचैनी थी
दिमाग कश्मकश से भरा हुआ था
होठों पर शिकायतों की लंबी फेहरिस्त थी
पर उसने आते ही असर कुछ ऐसा किया
की मेरे होने पर मुझे यकीन दिला दिया।-
Mere jaanib bhi ek ajab hairaani hai
Mar gaye jo log unhe zinda batani hai
Nakaab muskurahat ka hata kar dekhna
Yahan har shaks apne aap me ek kahaani hai-
तेरे दिए ज़ख़्म भी 'वैक्सीन' से हैं शायद
के अब हमें किसी बात से दर्द नहीं होता।-
तुम ढूँढते रहना मुझे दरिया की गहराइयों में
मैं डूबा मिलुंगा साहिल की तनहाइयों में।-
Ab toh aadatan hi pukarte hain tujhko
Tu sune aisi koi umeed nahin-