Rakesh Balai   (Rakesh Balai)
10 Followers · 12 Following

Musafir hu yaaro...Na Ghar he Na thikana....Mujhe bas he chalte janaa....
Joined 28 March 2020


Musafir hu yaaro...Na Ghar he Na thikana....Mujhe bas he chalte janaa....
Joined 28 March 2020
26 OCT 2021 AT 0:33

अब जो में तुम्हे देखता हु, तो सोचता हु,
कि अच्छा ही हुआ, जो हम साथ नही !

क्यों की शायद इससे ज्यादा में तुम्हे बर्दास्त नही कर पाता
और शायद तुम रोक नही पाती खुद को मेरे करीब आने से

-


16 OCT 2021 AT 18:25

मेरे सब्र का क्या इल्म होगा तुम्हे !

मेने पलट कर नही देखा, जिससे मुंह फेर लिया ।

-


29 AUG 2021 AT 18:53

दुश्मनी नही है, किसी से भी ए शक्श ।

बस अब प्यार नही रहा हमारे दर्मियां ।

-


17 AUG 2021 AT 11:23

शिकायत क्यों करू
ये तो किस्मत की बात है ।
तेरी सोच में भी नही में
मुझे तू लफ्ज लफ्ज याद है ।

-


23 JUL 2021 AT 23:30

किसी मुसाफिर सा चल रहा था खुदकी ही तलाश में !

भटक कर रास्तों मे, अपनी मंजिल को ही खो बैठा ।

-


18 JUL 2021 AT 2:58

ना जाने कितने सिर झुकें होंगे सजदों मै तेरी ही खातिर..
और ना जाने कितनी दुआओं मै नाम तेरा आया होगा।

और एक कामयाबी के नशे मे चूर, इंसान अपनो को भूल गया।

-


15 JUL 2021 AT 0:30

एक कसक, एक टीस सी रहनी चाहिए अब उसकी जिंदगी मै भी।

कि ये जिंदगी कितनी हसीन होती, अगर हम साथ होते।

-


10 JUL 2021 AT 15:11

एक उम्र गुजर गई, तुम्हारे इनतेजार मै।
और तुम कहती हो कि हमे सब्र नही आता।

-


20 JUN 2021 AT 18:01

उसे कोसा बहुत ओर टोका भी ।
भला बुरा बहुत उसे कहा भी ।

उसके हर एक ऐब को, लिखते चला में ।
कुछ यूं तील तील कर मिटते चला में ।

उसकी हर एक बाते जो मुझे अच्छी लगती थी ना ।
उन्ही सभी बातों को याद करके मायूस भी कई बार हुआ हू ।

क्या बताऊं यारों, में किस तरह जार जार हुआ हू ।

-


15 JUN 2021 AT 13:42

कोई वाक्या, कोई बात, कोई गलती मालूम तो हो हमे भी...
ये जो दूरियां है तेरे और मेरे दर्मियाँ,
इसकी वजह क्या है !

-


Fetching Rakesh Balai Quotes