धीरे-धीरे रे मना, धीरे सब कुछ होय । माली सींचे सौ घड़ा, ॠतु आए फल होय ॥--कबीर - राकेश अग्रवाल "साफ़िर"
धीरे-धीरे रे मना, धीरे सब कुछ होय । माली सींचे सौ घड़ा, ॠतु आए फल होय ॥--कबीर
- राकेश अग्रवाल "साफ़िर"