Raju Gajpal   (Gajpal ji)
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Joined 1 February 2022


Joined 1 February 2022
31 DEC 2024 AT 22:14

नवा बछर मा नवा सुरुज संग,सबला जय जोहार हे।
नवा बछर मा परण करव जी,हरना भुइया के भार हे।।

आनंद मंगल हो झुँमव नाँचव, सब हर मिलके।
गिला शिकवा ला दूर करव जी,सब हर दिल के।
पढ़व लिखव विद्वान बनव,अउ नित आघु बढ़व।
नवा उम्मीद के नवा  बछर संग,ये देश ला गढ़व ।

अउ माटी महतारी के सेवा,हर जी जिनगी के सार हे।
नवा बछर मा परण करव जी,हरना भुइया के भार हे।।

लेकिन ये दुख के बात हवय,जी नवा बछर मा।
कोनो अय्याशी त कोनो,नशा म मिले अधर मा।
नवा बछर के अईसन दृश्य,हावय गा करलाई।
नशा नाश के कारण बनथे, समझव मोर भाई।

इसना उम्मीद संग जीहू त,नवा बछर के का आधार हे।
नवा बछर मा परण करव जी,हरना भुइया के भार हे।।

नवा बछर का होथे तेला,सब चईत म जानहू।
अपनो संस्कृति परब,श्रेष्ठ हे तेला भी मानहू।
रह उपास नर–नारी,मांँ के जी सेवा बजाथे।
चईत मास मा प्रकृति हर, नव श्रृंगार रचाथे।

अउ चईत महिना नवा बछर संग,परमारथ के उदगार हे।
नवा बछर मा परण करव जी,हरना भुइया के भार हे।

नवा बछर मा नवा सुरुज संग,सबला जय जोहार हैं।
नवा बछर मा परण करव जी,हरना भुइया के भार हे।।

राजू छत्तीसगढ़िया ✍🏻

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3 SEP 2024 AT 12:03

अगर मया सच्चा हे ,ता निभाए बर लगथे।
दुरिहा कतको राहय,फेर शोरयाए बर लगथे।
अऊ दुरिहा होना चाहही,अगर मयारू हर,
ता ओकर खुशी खातिर ,दुरिहाए बर लगथे।

राजू छत्तीसगढ़िया ✍🏻

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5 JUN 2024 AT 8:07

पेड़ लगावों–पेड़ लगाओ के, नारा हर भारी चलत हे।
फेर रुख राई काँटे के बेरा,कोनो ला नई तो खलत हे।

खेत खार म झूंझकुर दिखय,वहू आज चातर होगे।
बांध के रखय जेन मेड़ ला,वहू मेड़ हर पातर होगे।
पैसा के चक्कर मा आज,पेड़ ला हम कटवावत हन।
गर्मी दिन मा घाम बाढ़गे,कहिके सब गोठीयावत हन।

त मन मा अपन बिचार करव जी,का सही का गलत हे।
फेर रुख–राई काँटे के बेरा,कोनो ला नई तो खलत हे।

होइस हसदेव के कटई ता,कोनो ला फरक नई पड़ीस।
इतिहास खोल देखव पेड़ बर,कतको हर मरीस लड़ीस।
मिलथे जेकर ले परान वायु,जिनगी के जेन बढ़वार होथे।
कहीथे देश आघु बढ़त हे,फेर प्रकृति बिन निराधार होथे।

ऊकरे परसादे जम्मो जगत हर,फुलत अऊ फलत हे।
फेर रुख राई काँटे के बेरा,कोनो ला नई तो खलत हे।

पेड़ लगावों–पेड़ लगाओ के नारा हर भारी चलत हे।
फेर रुख राई काँटे के बेरा कोनो ला नई तो खलत हे।

राजू छत्तीसगढ़िया 🙏🏻

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9 APR 2024 AT 10:52

आ गया नववर्ष प्यारा आ गया नववर्ष।
हो रहा है मन प्रफुल्लित बढ़ रहा उत्कर्ष।।
चैत्र का यह मास सुंदर आ रही मां द्वार।
दिख रहा देखो अलौकिक है सुखद संसार।।

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9 APR 2024 AT 10:41

राम मंदिर बनाने किया खूब संघर्ष हैं।
बन गया राम मंदिर सभी को हुआ हर्ष हैं।
आंग्ल नववर्ष पर ऊधम जो भी मचाते हैं सुनो,
गर्व से सब कहो मेरा यह हिंदू नववर्ष हैं।

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9 APR 2024 AT 8:18

बसंत की यह पावन बौछार, चहु ओर खुशियां लाई है।
रंग बिरंगी यह मौसम सुहानी, जो सबके मन हरसाई है।

फिर चैत्र मास शुक्ल पक्ष,विक्रम संवत् २०८१ आई है ।
भारतीय हिंदू नववर्ष की , आप सभी को ढेरो बधाई है ।

साथ में नवरात्र का पावन पर्व,मां अम्बे दरबार लगाई है।
नव दिन के लिए पहुना बन, मां कष्टों को हरने आई है।

३६ गढ़ की ३६ देवी , सबने,अलग ही पहचान बनाई है।
भक्तों की दुविधा हर लो माता ,भक्तो की यही दुहाई है।

रामनवमी की तिथि में देखो , श्रीराम जन्म सुखदाई है ।
छत्तीसगढ़ के भाचा है जो, मां कौशिल्या जिसकी माई है।

ऐसी सुंदर पावन बेला, जो सबके मन हरसाई है ।
आप सभी को मेरी ओर से, बारम बार पहुनाईं है।
बारम बार पहुनाईं है।
Gajpal ji ✍🏻

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25 MAR 2024 AT 9:08

होली का हैं पर्व,रंग डालो जी सब मिल।
रंगो में हो प्रेम, झूम जाये जी हर दिल।।
हरा भरा चहुँओर,दिख रहा देखो उपवन।
ऐसा सुंदर दृश्य, देख प्रमुदित तन मन।।
टेसू–पलास के फूल हैं ,देखो सुंदर खिल गए।
रंगो के इस त्यौहार में,सबके दिल हैं मिल गए।।

राजू छत्तीसगढ़िया(Gajpal ji)✍🏻

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24 MAR 2024 AT 18:19

हैं छलते दूसरों को जो, उसे छलना जरूरी था।
अगर हो साथ प्रभु का तो, विपद् टलना जरूरी था।
भले उनको मिली थी वर, न पावक में जलेगी वह,
मगर जब दंभ बढ़ जाए,तो फिर जलना जरूरी था।

राजू छत्तीसगढ़िया(Gajpal ji)✍🏻

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24 MAR 2024 AT 15:52

कोई छलते दूसरों को जो ,उसे छलना जरूरी था।
अगर हो साथ प्रभु का तो,विपद् टलना जरूरी था।
भले उनको मिली थी वर, न पावक में जलेगी वह,
मगर जब दंभ बढ़ जाए,तो फिर जलना जरूरी था।

राजू छत्तीसगढ़िया(Gajpal ji)✍🏻

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26 JAN 2024 AT 10:39

पावन पुनीत धरा, चारो ओर हरा भरा।
गांव गांव दिखते जी,जहा खलिहान है।

भिन्न भिन्न यहां भेष,बोली भाषा भी विशेष।
सभी देशों से भी प्यारा ,यहां परिधान हैं।

तिंरगा प्राणों से प्यारा,सबसे जी लगे न्यारा।
तिरंगे की आन बान ,देश की जी शान हैं।

सभी की सुरक्षा हेतु,बना दिए एक सेतु।
पावन पुनीत मानो ,ग्रंथ संविधान हैं।

Gajpal ji ✍🏻

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