Rajshree Ratawa   (राजश्री रतावा✍️)
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Learning from experience.
Joined 22 November 2019


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19 JAN 2024 AT 14:14

जय श्री राम

मझधार की कश्ती को किनारे पहुंचाया हैं,
सरयू के तट पर फिर से राम को पाया हैं,
शक्ति से नहीं भक्ति से मिला ये आशीष है,
अबकी बार राम ने केवट मोदी को बनाया हैं।।

राजश्री रतावा

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13 NOV 2020 AT 21:19

मां लक्ष्मी की कृपा से होगा वैभव और हर्ष,
सुख समृद्धि लाए जीवन में दीपो का ये पर्व।
चहुं दिशाओं में चमकेगी आज दीपमालाएं,
जनमानस की होगी पूर्ण सब कामनाएं।।

माटी का दिया तेल की बाती की ये सुंदर रीत,
घोर तम को चीर रोशन करेंगी आकाश दीप।
राग द्वेष त्याग आज बढ़ाओ प्रेम की पावन प्रीत,
बंदनवाल,रंगोली सजा लक्ष्मी को बुलाओ गाकर मंगल गीत।।

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5 NOV 2020 AT 13:59

"राज जीजी"

जिनके नाम में ही समाई है तेजस्विता,
उस सास के हृदय में हैं मां सी भव्यता।
दादी है वो मिष्टी की सबसे प्यारी,
हमारी बुआ राज जीजी सबसे न्यारी।।

मम्मा के जैसा हैं आपका हर व्यवहार,
जिम्मेदारी युक्त दबंग आपका अंदाज।
राज दादा नाम बनाता आपको खास,
आपके आशिर्वाद की ही है सदैव आस।।

भजन और गीतों में नहीं हैं कोई आपका सानी,
प्रेम ,दया,करुणा और भावुकता है आपमें भारी।
भावों से भरा राजश्री देती ये उपहार,
जन्मदिवस पर करती प्रणाम बारम्बार।।

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7 OCT 2020 AT 14:18

"समृद्धि"

नौ देवी का स्वरूप हो तुम,
शुद्ध बहती निर्मल बयार हो तुम।
भगवान आशतोष का आशीष हो तुम,
रिद्धि - सिद्धि की कृपा बारिश हो तुम।।

थोड़ी नटखट,थोड़ी चंचल हैं हमारी समृद्धि,
अपनी मम्मी के जैसे हैं तुम्हारी प्रखर बुद्धि।
दादा की बायो,गुड़िया सब भुआओ की प्यारी,
सब बच्चों में समझदारी है तुम्हारी न्यारी।।

उम्र के हिसाब से कुछ ज्यादा ही हो समझदार,
बातो में तो रतावा परिवार की हो सरदार।
परिवार रूपी बगिया में तितली सी तुम डोलती,
बुआ के आने पर दौड़ी- दौड़ी
मुस्कुराती बोलती।।

पापा की श्री वृद्धि करने वाली समृद्धि,
भगवान शिव और गोविन्द दे सदा तुम्हे उन्नति।
अपने बड़ों का सदा ऐसे ही करते रहना सम्मान,
आशीष से उनके पूरे होंगे तुम्हारे सब अरमान।।

सदा अपने हसीन चेहरे को प्यारी मुस्कुराहट से सजाएं रखना,
जन्मदिवस की अशेष शुभकामनाओं के साथ हमे अपना बनाएं रखना।

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30 SEP 2020 AT 17:05

"पुष्पा जीजी"

नाम में ही समाई हैं आपके महकता,
हृदय में है आपके आसमां सी भव्यता ।
पुष्प सी पाई है आपने सौम्यता ,
बड़ी बहन सा स्नेह और व्यवहार में हैं निर्मलता।
आपका आशीर्वाद सदा हम पर बनाए रखना,
प्यारी सी हंसी से चेहरे को सजाए रखना।
आप स्वस्थ रहे,मस्त रहे यही है हमारी कामना,
शब्द रूपी प्यार का यह प्रणाम स्वीकारना।।

जन्मदिवस की हार्दिक शुभकामनाएं पुष्पा जीजी🙏

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9 SEP 2020 AT 15:26

मां सी मासी

सदैव मुस्कुराती रहती मौसी मेरी प्यारी,
व्यवहार में आपके हैं सहेली सी यारी।
आप हो तो बुखार भी ठंडी सी लगती हैं,
आपकी परवाह आंखो की नमी में दिखती हैं।।

मेरे मां बनने के सफर में आप हिम्मत थी मेरी,
मासी के रूप में पाना आपको किस्मत हैं मेरी।
आपके संघर्ष भरे जीवन से हमने बहुत कुछ सीखा है,
जीवन रूपी कंटीली राह पर मुस्कुराकर कैसे जीना हैं।।

बच्चों के साथ बच्ची तो बड़ों के साथ बड़ी बन जाती हो आप,
जिंदगी की हर परिस्थिति में ढल जाती हो आप।
आपके बिना सूने लगते हैं सब तीज त्यौहार,
आपके आने पर आती मानो सावन सी बहार।।

आप हमेशा अपनी मुस्कुराहट से चेहरे को सजाएं रखना,
हमारी हर नादानी को माफ कर अपना बनाए रखना।
मां सी मासी हैं हम बच्चों की खुशियों की खान,
अवतरण दिवस पर राजश्री करती बारम्बार प्रणाम।।

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3 AUG 2020 AT 16:41

आशीष भैया

जिनका मन है पारदर्शी,
जिनकी सोच हैं दूरदर्शी,
जिनका रूप हैं मानो महर्षि,
उनका स्वभाव हैं उत्कर्षी।।

नाम में ही जिनके आशीष समाया है,
"आशु "रूप में शिव को पाया है।
राखी के पावन अवसर पर जो आया हैं,
उन शिव अवतारी को भैया रूप में हमने पाया हैं।।

आपका व्यक्तित्व हैं सबसे अनोखा,
खुशमिजाजी अंदाज और हंसमुख हैं स्वभाव।
पल में गुस्सा तो पल में आता प्यार,
बच्चों को दिलाने टॉफी मामा रहता तैयार।।

ज्योतिषाचार्य पंडित आशीष भैया को जन्मदिवस की हार्दिक शुभकामनाएं🙏

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3 AUG 2020 AT 9:12

विषय - रक्षाबंधन

श्रावण माह की पूर्णिमा आई हैं,
प्रेम भरी पुरवाई लाई हैं।
चारो ओर हरियाली मुस्कुराई हैं,
गगन से खुशियां प्रभू ने बरसाई हैं।
बादल बजाते मानो ढ़ोल और नगाड़े,
बिजली बन रक्षासूत्र सबको पछाड़े।।

रक्षाबंधन हैं सबसे प्यारा त्यौहार,
भाई बहन पर आशीष की होती बौछार।
प्रेम के धागों से सजाती बहन भाई की कलाई,
सब पर्वो में राखी है जैसे दूध पर मलाई।।

कुमकुम चंदन और मिठाई से सजी हैं थाली,
लाई रेशम की डोर भाई के लिए बहन प्यारी।
उपहार में नहीं चाहिए धन दौलत और शोहरत,
सदैव रखना मेरा मान यही है एक बहन की दौलत।।

इस रेशम की डोरी का नहीं है कोई मूल्य,
भाई बहन के रिश्ते के बिन ये जग हैं शून्य।
बहुत लड़ते हैं, झगड़ते है,समझते हैं एक दूजे को,
आए विपत्ति तो हो दृढ़ हरादे विश्व समूचे को।।

एक बहन की ईश्वर से हैं बस यही प्रार्थना,
मेरा भाई कभी ना करे मुश्किलों का सामना।
हर परिस्थिति में इस बहन का हाथ तू थामना,
रेशम के धागे से सदैव सजाऊ कलाई बस यही है कामना।।

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3 AUG 2020 AT 7:08

विषय - रक्षाबंधन

श्रावण माह की पूर्णिमा आई हैं,
प्रेम भरी पुरवाई लाई हैं।
चारो ओर हरियाली मुस्कुराई हैं,
गगन से खुशियां प्रभू ने बरसाई हैं।
बादल बजाते मानो ढ़ोल और नगाड़े,
बिजली बन रक्षासूत्र सबको पछाड़े।।

रक्षाबंधन हैं सबसे प्यारा त्यौहार,
भाई बहन पर आशीष की होती बौछार।
प्रेम के धागों से सजाती बहन भाई की कलाई,
सब पर्वो में राखी है जैसे दूध पर मलाई।।

कुमकुम चंदन और मिठाई से सजी हैं थाली,
लाई रेशम की डोर भाई के लिए बहन प्यारी।
उपहार में नहीं चाहिए धन दौलत और शोहरत,
सदैव रखना मेरा मान यही है एक बहन की दौलत।।

इस रेशम की डोरी का नहीं है कोई मूल्य,
भाई बहन के रिश्ते के बिन ये जग हैं शून्य।
बहुत लड़ते हैं, झगड़ते है,समझते हैं एक दूजे को,
आए विपत्ति तो हो दृढ़ हरादे विश्व समूचे को।।

एक बहन की ईश्वर से हैं बस यही प्रार्थना,
मेरा भाई कभी ना करे मुश्किलों का सामना।
हर परिस्थिति में इस बहन का हाथ तू थामना,
रेशम के धागे से सदैव सजाऊ कलाई बस यही है कामना।।

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30 JUL 2020 AT 21:59

दर्द बतलाने से कभी
प्रेम करने से कभी
विद्या बाटने से कभी
क्रोध मुस्कुराने से कभी
और सम्मान झुकने से कभी
औरसम्मान झुकने से कभी।।

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