29 NOV 2019 AT 12:49

ये वो दौर है जहाँ शराफत का मजाक उड़ता है
बेईमान इस दौर में खूब फलता और फूलता है
गिरगिट की तरह लोग रंग बदलते नजर आते हैं
शर्म और हया को तो लोग बेचकर खा जाते हैं
दौलत कहाँ से और कैसे आई कोई न पूछता है
जमाना तो इस दौर में दौलतमंद को ही पूजता है
झूठ के कारोबारी सच को अपने पैरों तले दबाते हैं
जो इनको दिखाए आइना उसे मारने दौड़ जाते हैं

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