मन के भीतर उपजता है ।
हम खोजते हैं उसे अन्यत्र
वो हमारे अंदर बसता है ।
इस जहां में मुश्किल बहुत
खुद के मन को संभालना
जिसने किया मन को नियंत्रित
वह खुशी के गीत रचता है ।-
बीता हुआ बचपन यादों में सिमट जाता है
उम्र का बोझ लादे हम... read more
कभी हम साथ थे लेकिन अब इतने दूर हो गए हैं ।
फासले बढ़ गए इतने कि दूर रहने को मजबूर हो गए है ।
मिलन की चाह है अब भी मगर मुमकिन न हो सकता
कहे किससे दर्द अपना लोग अब इतने मशगूल हो गए हैं-
वक्त का सितम हम पर कुछ इस कदर हुआ ।
न दवा ही काम आई न दुआ का असर हुआ ।-
सफलता की उड़ान वही भरते हैं
जो हौसले के साथ आगे बढ़ते हैं
परवाह नहीं करते वो परिणाम की
बस कर्म पर ध्यान केंद्रित करते हैं ।-
क्या कहेंगे लोग इस बात की परवाह मत करना ।
जिस पथ पर शुरु किया है चलना बढ़ते ही रहना ।
क्या खोया क्या पाया इसका हिसाब मत रखना ।
जीवन चलने का नाम बस आगे को चलते रहना ।-
कब तक करें हम इंतजार उनके लौट आने का
कहकर गए थे जो मेरे आने तक राह तकना-
दिल के तार बजने लगते हैं
हम बड़ी शिद्दत से हर पल
उनका इंतजार करने लगते हैं
अहसास ही नहीं होता वक्त का
कैसे गुजरता चला जाता है
जब कभी वो ख्वाब में आकर
हमसे प्यार का इजहार करते हैं ।।-
समझ में कुछ नहीं आता ।
तुम जब से हो गए हो दूर
मन को कुछ भी नहीं भाता ।
टूटकर बिखर गए सपने
अब जीना रास नहीं आता ।
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मुमकिन नहीं कि जीवन में हर ख्वाब मुकम्मल हो जाए
जिस राह पर चल रहे हम वो मंजिल तक पहुंच ही जाए
जब तक हैं सांस तब तक तमन्ना रहे बाकी दिल में
अधूरी ख्वाहिशो में से शायद कोई तमन्ना पूरी हो जाए-
धुंध छट जाएगी जब रोशनी धरा पर आएगी ।
प्रकृति की छटा निखरकर नजरों को लुभाएगी ।
झील की गोद में खेल रहे पंछी नजर आएंगे ।
ठंडी ठंडी पवन पेड़ो को छूकर गुजर जाएगी ।
सुबह की सुनहरी आभा करेगी मन को आह्लादित ।
मुस्कराती गुनगुनी धूप जब बदन को चूम जाएगी ।
जीवन का सफर यूं ही आहिस्ता चलता जाएगा ।
इक रोज जिंदगी अपनी मंजिल पर पहुंच जाएगी ।-