ये शहर अब मुझे अजनबी सा लगता है
हर कोई यहाँ अब मुझे दुखी सा लगता है
अपनापन यहाँ अब महसूस ही नहीं होता
इस शहर में अब परायों का मेला लगता है
कोशिश बहुत करता हूँ उन लोगों से मिलूँ
जिनके साथ रहना मुझे अच्छा लगता है
मिलता नहीं ठिकाना कहाँ चले गए वो लोग
जिनके साथ जीना अब सपना लगता है-
20 JAN 2020 AT 19:48