ये जमीं ये आसमां कितने खूबसूरत नजर आते हैं
जिधर भी निगाह जाती है हसीं नजारे दिख जाते हैं
इस जहाँ को बनाने वाला कितना बड़ा कलाकार होगा
अपने हाथों जिसने शानदार और अदभुत दृश्य रचा होगा
कल्पना के सागर में डूब कर उसने कई गीत रचे होंगे
तब जाकर उसने इस धरती में नए नए रंग भरे होगे
उसकी लाजवाब चित्रकारी का कोई सानी नहीं दिखता
इस अदभुत छटा का बखान कोई कवि कर नहीं सकता
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3 MAY 2020 AT 11:19