12 JUN 2020 AT 13:37

वरना टूट कर बिखर गए होते
फंसे थे हम गम के अंधेरे में
इस अंधेरे में गुम हो गए होते
राह में बिखरे थे हर जगह कांटे
कांटों से लहुलुहान हो गए होते
मिलता न सहारा प्यार का अगर
दुनिया की भीड़ में खो गए होते

-