27 JAN 2020 AT 10:17

उठो आगे बढ़ो प्यारे अगर मंजिल को पाना हैं
गिरकर उठ न पाया जो मिलता न ठिकाना है
गिरकर उठने की जिसने हिम्मत जब भी दिखाई है
यकीन मानो उसके पीछे चलता ये जमाना है
कद्र उसकी ही होती है जो ठोकर खाकर संभलता है
वही झुककर फिर औरों को गिरने से बचाता है
शिखर पर चढ़ सके है वो जो गिरने से नहीं डरते
उनके साहस के आगे तो मंजिल को पास आना हैं

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