तुमसे मिलने की तमन्ना दिल में लिए रहते हैं
तुम्हारे ख्यालों में खोए हुए गुमसुम से रहते हैं
कई बार लोग पूछते हैं तुम कहाँ खोए रहते हो
सुनते हैं सबकी बात मगर कुछ नहीं कहते हैं
लोग समझते न जज्बात जिक्र करने से क्या होगा
तुमसे मिलने की लिए आस खुद में खोए रहते हैं
तुम्हारी मधुर आवाज सुनने दिल बेचैन रहता है
बज उठते दिल के तार जब आवाज तुम्हारी सुनते हैं
गुजर रही है जिंदगी तन्हाई में तुमको याद करके
खिलते हैं दिल में गुलाब जब ख्वाब में तुमसे मिलते हैं
कहते नहीं है कुछ बस सोचते हैं कहें मन की बात
कब कहें कैसे कहें यही सोचते ये दिन गुजरते हैं-
21 MAY 2020 AT 14:09