22 APR 2020 AT 20:00

तुमको शायद याद नहीं कभी हम एक दूजे के सहारे थे
तुम भूल गए उन लम्हो को जब जिंदगी में अंधियारे थे
हम दोनो ने मिलकर अंधेरे में उजाले का दीप जलाया था
मजबूर होकर दूर हो गए जो एक दूसरे को बहुत प्यारे थे

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