तुम्हारी आरजू में हम रात दिन खोए रहते हैं
हमें मालूम नहीं होता जागे हैं या सोए रहते हैं
वक्त कैसे गुजर जाता हमें अहसास नहीं होता
तुम्हारे साथ जीने के हम ख्वाब संजोए रहते हैं
हर आहट पर हमारा दिल धड़कता है तेजी से
तुम्हारी कदमों की आहट सुनने को बेचैन रहते हैं
हवाओं से पूछते हैं हम पैगाम तुम्हारे आने का
कोई संदेश पाने को हम ख्यालों में खोए रहते हैं
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20 APR 2020 AT 12:15