तुम नदी प्यार की मै हूँ सागर प्रिये
आओ मिल जाए हम सदा के लिए
तुम मिलोगे मुझे कब किस राह मे
मन मचलता है मिलन की चाह मे
जलता है दिया जैसे रोशनी के लिए
जी रहे हम तुम्हारी खुशी के लिए
तुम धरा प्यार की मै गगन हूँ प्रिये
जाने कब होगा हमारा मिलन प्रिये
रह न पाएंगे दूर हम तुम से इस तरह
खोजा करते हैं तुमको शहर दर शहर
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