तुम न तो आते हो न हमको बुलाते हो
जाने किस तरह अपना वक्त बिताते हो
आओ कभी फुरसत में वक्त बिताते हैंं
अपने बीते समय की कहानी सुनाते हैं
भूल जाओगे तुम अपने आपकी कहानी
जब सुनोगे तुम मेरे अतीत की कहानी
वक्त के साथ मैंने खुद को जरा नहीं बदला है
मगर मेरे करीब के लोगों ने खूब रंग बदला है
कई बार मैं बुरी तरह से धोखा खा जाता हूँ
जब चेहरे पर लगे मुखौटे पहचान नहीं पाता हूँ
लोग निजी हितों के लिए कुछ भी कर जाते हैं
एक जिंदगी में कई बार मरने को विवश हो जाते हैं
जीवन के इस सफर में हम रोज नया सीखते हैं
जो हम चाहते हैं कहना वह कहने से भी डरते हैं
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24 FEB 2020 AT 21:39