तुम बिन जीने की कोशिश तो बहुत करता हूँ
एक ही दिन में कई बार जीता और मरता हूँ
उजाले भी मुझे अब जरा भी रास नहीं आते
अंधेरो में ही चुपचाप वक्त गुजारा करता हूँ
तुम्हारी यादों की किताब के पन्ने पलटते हैं
दिल ही दिल में तुमसे बात किया करता हूँ
तुम रहो भले मुझसे कितनी भी ज्यादा दूर
मैं तुम्हें अपनी सांसो में सदा महसूस करता हूँ
हर तरफ मुझे बस तुम्हारा चेहरा नजर आता है
मै इस चेहरे को जीते जी भूल नहीं सकता हूँ-
17 JAN 2020 AT 10:45