तुझे हम चाहते थे पर कभी इजहार न कर पाए
जो भी आंखों में सपने थे हकीकत में न बदल पाए
दिल के दर्पण में तुम्हे हमने बारम्बार निहारा था
जब भी दीदार हुआ हम बात दिल की न कह पाए-
20 NOV 2020 AT 15:47
तुझे हम चाहते थे पर कभी इजहार न कर पाए
जो भी आंखों में सपने थे हकीकत में न बदल पाए
दिल के दर्पण में तुम्हे हमने बारम्बार निहारा था
जब भी दीदार हुआ हम बात दिल की न कह पाए-