14 MAY 2020 AT 15:24

इस तरह तो दूर होकर हम एक दूसरे को भूल जाएंगे
मजबूर होंगे इस कदर कि चाह कर भी पास न आएंगे
दिल से दिल की दूरियां भी धीरे धीरे बढ़ती जाएंगी
एक दूसरे से मिलने की चाह में उम्र गुजरती जाएगी
तन्हा सफर जिंदगी का कब तक यूँ ही बिताते जाएंगे
कभी तो हमारी राह में खुशी के मंजर नजर आएंगे

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