20 JUN 2020 AT 13:43

तन्हाई का ये मंजर मुझे अक्सर रुलाता है
इस जगह बीते लम्हों का जब स्मरण हो आता है
सच कहते हैं वो लम्हे यादों की अनमोल धरोहर हैं
उन लम्हों को फिर जीने का ख्याल दिल में आता है
अतीत की यादें दिल को बार बार गुदगुदाती हैं
तुम्हारी परछाईं मेरे नजदीक चली आती है
ये पेड़ों की घनी छाया जाड़े की खिली हुई धूप
मेरी नजरों के आगे तस्वीर तुम्हारी बन जाती है

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