28 SEP 2020 AT 12:39

तभी खुशियाँ बटोर पाओगे
गम के साए में मिलेगी खुशियाँ
दिल से अंधेरे को जब मिटाओगे
चलते रहोगे लिए आशा के चिराग
तो मंजिल तक पहुँच ही जाओगे
न करोगे भरोसा खुद पर अगर
दुनिया की भीड़ में खो जाओगे

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