16 MAY 2021 AT 11:43

सूनी रहती हैं डगर इस चमन की
कोई इधर भूलकर आता नहीं
इंसान को देख इंसान घबराने लगा
कोई किसी के करीब जाता नहीं
तन्हाई में जीने लगे हैं सब यहाँ
कोई किसी को घर बुलाता नहीं
घुटन सी होने लगी तन्हा रहते
दिल को कुछ रास आता नहीं
किसको बताएं दिल की दास्ताँ
कोई दूर तक नजर आता नहीं




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