सावन का उल्लास हर ओर नजर आता है
धरा की छटा देख मन प्रफुल्लित हो जाता है
नदी नाले तालाब सब लग जाते हैं छलकने
सब पर जवानी का जोश नजर आता है
पूरी कायनात दिखती है हरी चादर में लिपटी
बारिश की बूंदों से इनका श्रंगार हो जाता है
आकाश मे बादल बाराती की तरह झूमते जाते
मन इन्हें देखकर भावविभोर हो जाता है
प्रकृति की मोहक अदा जगाती है नई आशा
दिल इंद्रधनुष के रंगों में कहीं खो जाता है
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7 JUL 2020 AT 13:35