14 FEB 2020 AT 14:59

फिर मिले या न मिले आज तो गले से हमको लगा लो
जा रहे हैं छोड़ कर ये शहर आज अपने करीब बुला लो
क्या पता हम रहे न रहे एक इतिफाक ही तो है जिंदगी
भूल कर सब गिले शिकवे आज दिल से दिल मिला लो
रह जाएंगी यादें दिलो में अतीत बनकर इस तरह
हम भुला न सके ये लम्हे ऐसी शमां दिल में जला दो

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