6 JUL 2021 AT 15:06

निगाहें मिली तुमसे ,तो दिल को करार आया
मुरझाए हुए गुलशन में ,कोई फूल मुस्कराया
हम भूल गए थे मौसम भी,होता है बहार का
देखा जब तुम्हें तो लगा, कोई त्यौहार आया
एक नजर देखने को ,ये आंखे तरस गई थी
जीवन का ये लम्हा ,बड़ी मुद्दत के बाद आया
दिल की राहों से गुजरते हुए, तुम्हें देखा करते थे
आज फिर से अतीत ने, ख़ुद को है दोहराया

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