22 APR 2020 AT 22:02

न जाने क्यों वो मंजर मुझे जब भी याद आता है
मेरी आंखों के सामने गहरा अंधेरा छा जाता हैं
उनसे मुलाकात की वो आखिरी शाम भूलती नहीं
उनकी भीगी आंखों को याद करके दिल बैठ जाता है

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