न जाने क्यों तुम मुझे बार बार याद आते हो
मेरी नजरों के सामने खड़े हो मुस्कराते हो
यकीन नहीं होता मेरी नजरों को यह देख
जब पलक झपकते ही ओझल हो जाते हो
ख्वाब है या हकीकत कई बार भूल जाता हूँ
परछाई की तरह तुम मेरे करीब नजर आते हो
मैं जानता हूँ तुम दूर हो बहुत चांद तारो के पास
फिर भी मुझे करीब होने का अहसास कराते हो
यादों के सहारे कट रहा है सफर जिंदगी का
तुम ही तो हो जो मेरा साथ हर वक्त निभाते हो
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22 APR 2020 AT 22:33