15 JUL 2020 AT 17:27

मुम्किन नहीं रहा अब उनके बिना गुजारा
जबसे कर लिया उसने हमसे किनारा

रह रह के टीस उठती है दिल होता बेकरार
काश कि हो जाए एक बार उनका दीदार

हर पल उनकी यादों में रहते हैं हम खोए
न जाने कितनी रातें बीती हम नहीं सोए

आशा के दीप जीवन में जिसने थे जलाए
वो छोड़ कर हमें चल दिए लौट कर न आए

बुझे मन से जी रहे हम उनकी यादों के सहारे
जी करता है कि वो हमें आवाज देकर पुकारें

तमन्ना है कि उनसे बस एक मुलाकात हो जाए
नजर से नजर मिले और दिल आबाद हो जाए

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