8 MAR 2020 AT 14:12

मेरी पहचान है तुमसे काश तुम यह समझ पाते
अगर अपनी निगाहों से मेरे चेहरे को पढ़ पाते
चाहते हैं जो दिल से हम कौन इसको समझ पाया
कभी नजदीक आकर तुम मन का दर्पण देख पाते
जाड़े की धूप सा सुख हमें महसूस हो जाता
कुछ लम्हे तुम आकर पास हमारे साथ रह लेते
तुम्हारी नजरों में चाहत अगर हमको दिख जाती
हम अपने आप को जीवन में खुशहाल समझ लेते

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