6 DEC 2019 AT 18:30

मैं सोचता हूँ अक्सर आसमां के परे क्या होगा
अनंत के बाद भी खुदा ने कुछ तो रच रखा होगा
वह अकेले बैठा बस यूँ ही काम में लगा रहता है
इतने सारे तारो और ग्रहो का जो निर्माता होगा
अपने आप तो कोई भी चीज़ अस्तित्व में नहीं आती
जब तक किसी को बनाने की कोशिश नहीं की जाती
कौन है जो ऐसे अजूबे खामोशी से किए जा रहा है
जिसके होने और न होने की आहट भी न मिल पाती

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