कुछ दूर तक तुम चलो कुछ कदम हम चलकर आएं
साथ चलकर सफर को किसी मुकाम तक ले जाएं
कुछ तुम अपनी कहना कुछ हम अपनी सुनाएंगे
चंद लम्हें जिंदगी के बस इसी तरह गुजर जाएं
अनकही बातों को अब जुबां तक तो लेकर आएं
यादों पर पड़ी धूल की चादर को चलो आज हटाएं
अतीत की नादानियों को याद करते वक्त गुजारा जाए
हसीन ख्वाब देखते हुए चलो कहीं दूर तक घूम आएं
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20 APR 2020 AT 10:32