कोशिश बहुत करता हूँ पर भूल नहीं पाता हूँ
तेरा पता पूछते हुए इस शहर में चला आता हूँ
बिछड़े हुए तुमसे हमे कितने जमाने गुजर गए
फिर भी याद करके उस ऐहसास से गुजर जाता हूँ
सांसे घट रही सफर अपने मुकाम की ओर बढ़ रहा
पीछे मुड़कर देखने के मोह से फिर भी बच नही पाता हूँ
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5 MAR 2020 AT 19:10